दुर्गूकोंदल| भाद्रपद अमावस्या को मनाए जाने वाला पोला किसानों का पर्व है। किसान अच्छी फसल व पशुधन की सुरक्षा की कामना को लेकर पर्व मनाते हैं। इस दिन बैलों को सुबह नहलाने के बाद पूजा करते हैं। वहीं बच्चे बैल की प्रतिमा व लड़कियां बांस से बनी सुपली, मिट्टी के छोटे-छोटे खिलौने से खेलती है। सभी लोग सुवा, करमा व ददरिया नृत्य करते हैं। गोड़वाना समाज के ब्लॉक सचिव व ग्राम गायता बैजनाथ नरेटी ने बताया एक दिन पूर्व गायता पुजारी उपवास रखते हैं।
नांदिया बैल का क्रेज घटा :भानुप्रतापपुर। पहले त्योहार के बाद भी एक सप्ताह तक बच्चे खेलते थे। कुम्हारों के यहां एक सप्ताह पहले से ही इनकी बिक्री शुरू हो जाती थी। कराठी के कुम्हार बुधूराम चक्रधारी ने बताया पहले बहुत संख्या में नांदिया बैल, जाता चुंकी बनाते थे। एक सप्ताह पहले से ही बिकना शुरू हो जाता था। अब केवल नेग के लिए ही लोग खरीदकर ले जाते हैं। अंचल में रविवार को पोला का पर्व मनाया जाएगा। इसको लेकर शनिवार को साप्ताहिक बाजार लगा।