लगातार बारिश अब खरीफ की फसलों के लिए नुकसानदायक साबित हो रही है। खेतों में पानी भरने की वजह से उड़द की फसल गल कर सड़ने लगी है। अब भी यदि बारिश नहीं थमी तो सोयाबीन की फसल भी खराब होने की स्थिति में पहुंच जाएगी। अब किसान बारिश थमने की गुजारिश ईश्वर से कर रहे हैं। भादों के महीने में लगातार रिमझिम और फुहार वाली बारिश का दौर बना हुआ है। हालात यह हैं कि एक पखवाड़े से लोग अच्छी धूप का इंतजार कर रहे हैं लेकिन धूप तो दूर कई बार तो उन्हें सूर्य देव के दर्शन भी नहीं हुए।
मौसम का यह मिजाज खरीफ की फसल के लिए नुकसान दायक साबित हो रहा है। खेतों में खड़ी फसल धूप के इंतजार में खराब होने की स्थिति में पहुंच गई हैं। जिन किसानों ने जून के महीने में उड़द की बोवनी की थी उनकी फसलें खेतों में खड़ी-खड़ी ही गल गई हैं। दीपनाखेड़ा क्षेत्र के किसान सत्येन्द्र रघुवंशी, हरिसिंह विश्वकर्मा और गुफरान खान ने बताया कि फसल में फली आ गई हैं लेकिन सूखने के लिए जरूरी धूप नहीं मिल रही है। इस वजह से अब फली के साथ ही पौधा भी गलने लगा है यदि अब भी मौसम नहीं खुला तो उड़द की फसल खेतों में सड़ जाएगी। मौसम का यह मिजाज सोयाबीन की फसल के लिए भी नुकसानदायक हो गया है। 60 दिन में आने वाले सोयाबीन में भी फली आने लगी हैं यदि उसे भी अब पर्याप्त धूप नहीं मिली तो यह फसल भी खराब हो जाएगी। फसलों की यह स्थिति देख कर अब किसान बारिश थमने की कामना ईश्वर से करने लगे हैं।