जेके लक्ष्मी कंपनी के निर्माण के समय जिन किसानों की जमीनों का अधिग्रहण किया गया, उन्हें अब तक न ही नौकरी पर रखा गया है, न ही क्षतिपूर्ति राशि दी गई है। ऐसे करीब 80 किसान व उनका परिवार है। शुक्रवार को मीडिया से चर्चा के दौरान किसानों में अजय वासनिक, राजेश देवांगन, नारद पाल, कमल देवांगन, डालूराम साहू, धनराज कुमार ने कहा कि वे अपने हक के लिए अब शासन से सीधे लड़ाई लड़ेंगे। 18 अगस्त से इसकी वे शुरुआत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 18 अगस्त को अहिवारा वे साइकिल रैली निकालेंगे और 31 अगस्त से अहिवारा क्षेत्र की सभी पंचायतों व निकायों में पहुंचकर इस बारे में जानकारी देंगे। प्रबंधन के खिलाफ लोगों को बताएंगे कि किस प्रकार लोगों का हक मारा जा रहा। इसके बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हुई तो फिर 1 सितंबर से वे पदयात्रा शुरू करेंगे, जिसमें 300से अधिक किसान शामिल होंगे। इसकी शुरुआत डोंगरगढ़ में मां बम्लेश्वरी के दर्शन के बाद होगी। वहां से पैदल किसान रायपुर पहुंचेंगे, जहां पोस्टकार्ड में अपनी मांगों को लेकर पोस्ट करेंगे। उनकी तरफ से विस्थापित परिवारों को योग्यता अनुसार नौकरी, न्यूनतम पारिश्रमिक, सीएसआर से अहिवार में हॉस्पिटल का निर्माण, मलपुरी में हुई घटना में जिन बेगुनाह किसानों को कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, उनके विरुद्ध केस वापस लिए जाने की मांग की जा रही है।