किसानों की आय दोगुनी करने के PMO कर रहा ऐसा काम
इस कड़ी में पीएमओ से हर सप्ताह कृषि कार्यों के संबंध में रिपोर्ट मांगी जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने अलग-अलग स्तर पर प्रयास किया जा रहा है। इस कड़ी में पीएमओ से हर सप्ताह कृषि कार्यों के संबंध में रिपोर्ट मांगी जा रही है। रिपोर्ट विभागीय कार्यालय के माध्यम से मंगाई जा रही है।
मानसून की दस्तक के साथ ही जिले में खेती किसानी का काम शुरू हो गया है। किसान धान सहित अन्य फसलों की बोनी में लगे हुए है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पीएमओ कार्यालय द्वारा जिले में कृषि कार्य के संबंध में हर सप्ताह रिपोर्ट मंगाई जा रही है, जिसमें किस किसान का खेती का कितना रकबा है।
कितने रकबे में बोनी की है। धान की फसल ले रहा है तो किस किस्म के बीज की बोनी किया गया है। दलहन, तिलहन में किसकी फसल ली जा रही है। सूत्रों के मुताबिक प्रशासन से एक-एक खेत के संबंध में रिपोर्ट मंगाई जा रही है।
विभागीय अमला हर सप्ताह रिपोर्ट तैयार करने में भी उलझा हुआ है। उल्लेखनीय है कि जिले में इस साल करीब एक लाख 27 हजार हेक्टेयर में धान की फसल ली जा रही है। इसके अलावा सोयाबीन व तलहन, तिलहन फसल के लिए भी रकबा निर्धारित किया गया है।
आय दोगुनी करने फसल चक्र परिवर्तन पर जोर
केंद्र सरकार द्वारा किसानों की आय दोगुनी करने फसल चक्र परिवर्तन सहित पशु पालन पर भी जोर दिया जा रहा है। इस कड़ी में किसानों को धान के बजाए अन्य फसलें लेने प्रेरित किया जा रहा है। धान की बनिस्बत अन्य फसलों में पानी कम लगता है।
दूसरी फसल लेने पर जमीन की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है। प्रशासन द्वारा जिला व ब्लाक स्तर पर आयोजित विभिन्न् शिविरों में किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें पशु पालन के संबंध में भी जानकारी दी जा रही है और इसके लिए भी प्रेरित किया जा रहा है।
मार्केट और रेट पर ध्यान दे सरकार
किसानों की आय दोगुनी करने बेहतर उत्पादन और फसल चक्र परिवर्तन पर जोर देने के बजाय सरकार उत्पादित प्रोडक्ट का बाजार और रेट पर ध्यान दें।
छग प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राजकुमार गुप्त का कहना है कि किसानों द्वारा उत्पादित प्रोडक्ट को खपाने जब तक बाजार और न्यूनतम मूल्य का निर्धारण नहीं किया जाएगा, तब तक किसानों की आय दोगुनी करने की कवायद बेकार है।
सूखा सर्वे की जानकारी लेने आए थे अफसर
पिछले साल सूखा के संबंध में जानकारी लेने केंद्र से चार अधिकारियों की टीम मार्च-अप्रैल के महीने में आई थी। दुर्ग व धमधा ब्लाक के कुछ गांवों का दौरा कर किसानों से बातचीत कर सूखा के संबंध में जानकारी ली थी।
सूत्रों के मुताबिक टीम के लौटने के कुछ ही दिनों बाद पीएमओ से एक अधिकारी को जिले में भेजा गया था। उक्त अफसर ने कृषि विभाग से सर्वे के लिए आने वाली टीम के संबंध में जानकारी ली थी। सर्वे टीम कहां-कहां गई थी। इस संबंध में भी सवाल-जवाब किया था।
– जिले में कृषि कार्य से संबंधित रिपोर्ट पीएमओ कार्यालय को भेजने विभागीय अधिकारियों द्वारा हर सप्ताह मंगाई जा रही है। जिसमें खेती का रकबा, ली गई फसल सहित अन्य जानकारियां मांगी जा रही है। – जेएस धुर्वे, उप संचालक, कृषि दुर्ग