रांची। अनावृष्टि से जूझ रहे झारखंड में हालिया दिनों में सुधरे मानसून ने किसानों को हौसला दिया है। एकबारगी सूखे की दहलीज पर दस्तक दे रहे प्रदेश में चहुंओर झमाझम बारिश होने से किसान पूरी तन्मयता से खेती-बारी में जुट गए हैं।
झारखंड में खेती के हालात तेजी से सुधर रहे हैं। जुलाई के बाद अगस्त के शुरुआती दिनों में हुई बारिश से धान समेत सभी फसलों के आच्छादन में खासी वृद्धि हुई है। धान की बुआई का रकबा तयशुदा लक्ष्य के 62 फीसद तक पहुंच गया है जबकि खरीफ की कुल खेती का प्रतिशत 63.54 तक पहुंच गया है। कृषि निदेशालय की हालिया रिपोर्ट से तकरीबन यह तय हो गया है कि झारखंड अब सुखाड़ के हालातों से उबर गया है।
नौ अगस्त तक 1124 हजार हेक्टेयर में बुआई का कार्य किया जा चुका है। हालांकि, राज्य के 11 जिलों में अभी भी धान का रकबा निर्धारित लक्ष्य के 50 फीसद के भीतर है। इनमें उत्तरी छोटानागपुर के छह में से चार जिले और संताल परगना के पांच जिले शामिल हैं। हजारीबाग और रामगढ़ में 40 प्रतिशत से कम धान की रोपाई हुई है।
वहीं, दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के पांच जिलों में 72 फीसद, पलामू प्रमंडल के तीन जिलों में 55 प्रतिशत और कोल्हान प्रमंडल के तीन जिलों में 75 फीसद से अधिक धान की बुआई का कार्य किया जा चुका है।