महासमुंद| कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों को धान की फसल में कीट- व्याधि एवं तनाछेदक रोग के रोकथाम के लिए आवश्यक सलाह दी गई है। कृषि विभाग के उप संचालक वीपी चौबे ने बताया कि जिले में लगातार वर्षा एवं बादल होने के कारण कहीं-कहीं धान में तनाछेदक की शिकायत देखी जा रही है। विशेष तौर पर उन खेतों में जहां लंबे समय से पानी भराव की स्थिति बनी हुई है एवं विलंब से धान रोपाई का कार्य हुआ है। धूप न होने से यह शिकायत बढ़ सकती है, अतः कृषक गण लगातार फसल निरीक्षण करते रहे, जहां यह शिकायत प्रारंभिक अवस्था है, वहां प्रभावित पौधों को उखाड़कर जला देवें। उन्होंने बताया कि 25-50 दिवस की रोपाई वाली फसल में कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 4 जी 7.5 किग्रा प्रति एकड़, 50 से 60 दिन की रोपाई वाली फसल में कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 50 प्रतिशत एसपी 300-400 ग्राम प्रति एकड़ की दर से उपयोग कर सकते है। खेत में 3.5 सेंमी पानी भरकर रखें कृषक अजाडिरेक्टिन 0.031 ली/हे. या कारटॉप हाइड्रोक्लोराइड 50 एस.पी. 1 किग्रा /हे या क्लोरोपायरीफॉस 20 प्रतिशत ईसी 1.25 लीटर/हे या फिप्रोनिल 5 प्रतिशत ईसी 1.25 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से क्षेत्र के कृषि अधिकारी से सलाह लेकर उपयोग कर सकते है।