बारिश ने आम जनजीवन के साथ खेती-किसानी को भी प्रभावित किया है। धान की फसल के लिए तो यह पानी अतिरिक्त हो गया। किसानों का कहना है कि धान के लिए 15 अगस्त के आसपास हुई बारिश से पर्याप्त पानी हो गया था। अभी के पानी से धान की फसल को तो नुकसान नहीं होगा, लेकिन सब्जी की फसल को नुकसान होगा। क्योंकि धान की फसल दो-तीन दिन पानी में डूबे रहने पर भी खराब नहीं होती, लेकिन सब्जी की फसल चौपट हो जाती है, गल जाती है। हालांकि जहां पर सब्जी की फसल पानी में नहीं डूबी है उसे नुकसान नहीं होगा। सब्जी जल्दी खराब होती है, इसलिए नदी-नाले चढ़ने से अन्य स्थानों से राजधानी आने वाली सब्जी सड़ जाती है। इसका प्रभाव थोक भाव पर पड़ेगा।
वाटर लेबल के लिए बेहतर
कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. गोपी कृण्णा दास ने बताया कि इस लगातार बरसात से एक फायदा होगा कि वाटर लेबल बढ़ जाएगा। भू-गर्भीय जल की कमी से अधिकतर बोरवेल का जल स्तर 300 फीट तक पहुंच गया था। ऐसे बोरवेल के लिए यह बारिश उपयोगी साबित होगी। बीते चार दिनों में हुई 300 मिमी बारिश कमांड एरिया और कैचमेंट एरिया के लिए काफी फायदेमंद साबित होगी। इसका फायदा किसानों को मिलेगा।