रायगढ़ |धान एवं खरीफ की दूसरी फसलों का बीमा कराने में प्रशासन का प्रचार प्रसार काम नहीं आ सका है। सूखे के बाद बीमा कंपनी द्वारा देर से बांटे गए क्लेम से किसानों में नाराजगी थी। यही कारण है कि बीते साल की अपेक्षा फसल बीमा में इस बार 7 हजार किसान घट गए हैं। पीएम फसल बीमा के पोर्टल में आवेदनों की एंट्री के बाद आई रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। बीते साल सूखे के बाद बीमा कंपनी के क्लेम से नाराज किसानों ने इस बार फसल बीमा के लिए रूचि नहीं दिखाई है। प्रशासन द्वारा प्रचार प्रसार करने के बाद भी पीएम फसल बीमा के लिए रायगढ़ जिला टार्गेट से काफी पीछे रह गया है। जुलाई के पहले हफ्ते से शुरू हुए फसल बीमा में इस बार जिले से 48 हजार किसानों ने ही बीमा कराने की हिम्मत दिखाई है। लीड बैंक व बीमा कंपनी द्वारा पोर्टल में एंट्री करने के बाद जो फाइनल रिपोर्ट आई है। उसके अनुसार जिले में कुल 96 हजार हेक्टेयर रकबे का ही बीमा हो सका है। संचालनालय ने खरीफ 2018 के लिए विभाग को 70 हजार किसानों का बीमा का टार्गेट दिया था। बैंक से लोन लेकर खेती करने वाले किसानों के लिए फसल बीमा अनिवार्य था। ऐसे 43 हजार 965 किसानों से बैंकों ने तो प्रीमियम की राशि वसूल ली और कृषि व राजस्व विभाग मिलकर 4 हजार 163 अऋणी किसानों को इसमें जोड़ पाया था।