प्रदेश के दूसरे बड़े बांध गंगरेल में 31.117 टीएमसी पानी है। बलौदाबाजार और रायपुर जिले के किसानों द्वारा की जा रही पानी की मांग को देखते हुए गंगरेल का एक गेट खोलकर बांध से 4 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वहीं इस साल के बारिश सीजन में गंगरेल बांध से महानदी में अब तक 17 टीएमसी पानी बहाया जा चुका है। इधर जिले में बारिश थमने के बाद बुधवार को 2 घंटे रुक-रुककर बारिश का सिलसिला चला। दोपहर बाद मौसम फिर से खुल गया। गंगरेल बांध में 2 हजार 489 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है।
3 सहायक बांधाें में भी पानी लबालब
गंगरेल बांध के 3 सहायक बांध मुरुमसिल्ली, सोंढूर और दुधावा भी पानी से लबालब है। यह स्थिति 4 साल बाद बनी है। 5.839 टीएमसी क्षमता वाले मुरुमसिल्ली बांध में 5.718 टीएमसी पानी है। यहां 346 क्यूसेक आवक और 346 क्यूसेक जावक है। 10.192 टीएमसी वाले दुधावा बांध में 10.032 टीएमसी पानी, आवक 536 क्यूसेक है, जावक नील। 6.995 टीएमसी क्षमता वाले सोंढूर बांध में 6.342 टीएमसी पानी, आवक 995 क्यूसेक और जावक 1089 क्यूसेक है।
अब तक 1089.8 मिमी बारिश : जिले में अब तक 1089.8 मिमी औसत वर्ष दर्ज की गई है। 2017 में 1 जून से अब तक 881.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई थी। इस साल कुरुद तहसील में 1187.1 मिमी, नगरी तहसील में 1100.1 मिमी, मगरलोड तहसील में 1068.7 मिमी और धमतरी तहसील में 1003.4 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है।
मांग आने पर छोड़ रहे पानी : सिंचाई विभाग के ईई संतोष ताम्रकार ने बताया कि बलौदाबाजार और रायपुर से पानी की मांग आई है। किसानों के लिए गंगरेल से 4 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यह पानी भाठापारा, अभनपुर और धमतरी जिले के कुछ हिस्से में पहुंच रहा है। बांध में पानी की आवक फिलहाल ढाई हजार क्यूसेक है।