अगस्त महीने में जिले में जमकर बारिश हुई। 25-26 अगस्त को 200 मिमी से भी ज्यादा बारिश हो गई। गंगरेल बांध के गेट खुले, तो महानदी में बाढ़ की स्थिति बन गई। कुरूद, नगरी, मगरलोड क्षेत्र के 200 से अधिक गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हुए। 4 दिनों बाद अब पानी उतरने लगा है, जिससे खेतों और गांवों में बर्बादी का मंजर नजर आ रहा है।
बारिश में 234 गांवों के 16887 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा 773 मकानों को क्षति पहुंची है, जिनमें से 47 मकान पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं, वहीं 726 मकानों आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं। बाढ़ और बारिश के पानी से धान की फसल को भी भारी नुकसान हुआ। 2229.47 हेक्टेयर की फसल प्रभावित हुई है, जिसका सर्वे कराया जा रहा है।
अधिकांश किसानों के खेतों से पानी तो उतर गया, पर नदी किनारे के गांवों की फसल के उपर रेत पट गई है। अतिवृष्टि से 13 पशु भी बह गए, इनमें कुरूद के 4, मगरलोड के 6 और नगरी के 3 पशु शामिल हैं।
यह आंकड़ा राजस्व विभाग से मिला है, जो नजरी आकलन के आधार पर हैं। अधिकारियों के अनुसार राजस्व विभाग की टीम ब्लाकों में सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रही है।
अधिकांश किसानों के खेतों से पानी तो उतरा लेिकन नदी किनारे के गांवों की फसल के उपर रेत पट गई है
विंध्यवासिनी वार्ड में 2 मकान ढहे
29-30अगस्त की दरम्यानी रात धमतरी में विंध्यवासिनी वार्ड के 2 मकानों की दीवार भरभराकर गिर गई। इसकी वजह नीचे नाली होना बताया जा रहा है। विंध्यवासिनी वार्ड के बलराम साहू और मनहरण साहू पिता रामदयाल के घर बीती रात आफत आ गई। परिवार के सभी लोग सोए हुए थे, इस दौरान लगभग 12 बजे दाेनों घरों के सामने की दीवार गिर गई, जिससे खपरैल वाला छत भी अब गिरने की कगार पर पहुंच चुका है। बलराम साहू ने बताया कि उनके घर के सामने से नाली निकली है, जिसे ठेकेदार के मजदूरों ने शनिवार को खोदकर चौड़ा कर दिया। सोमवार को तेज बारिश हुई, जिससे नाली में पानी का तेज बहाव था। इस कारण मकान का बेस कमजोर हो गया। चौड़ी नाली की वजह से बच्चों के गिरने का भी डर बना रहता है। जब वे सोए हुए थे, तभी दीवार गिर गई। इस वजह से मकान में बीचों बीच दरार भी आ गई है। दोनों घरों को 50 हजार से ज्यादा का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रशासन उनके मकान की मरम्मत करवाए।
महानदी के बाढ़ का पानी ज्यादातर कुरूद के गांवों को प्रभावित करता है। यहां के 124 गांवों के 15860 लोग प्रभावित हुए। साथ ही 2252 हेक्टेयर की फसल भी प्रभावित हुई है। मगरलोड ब्लाक के 54 गांवों के 240 लोग, नगरी ब्लाक के 50 गांवों के 700 लोग और धमतरी ब्लाक के 6 गांवों के 87 लोग प्रभावित हुए है। फसल और मकान क्षति के लिए आरबीसी 6-4 के तहत सहायता राशि दिलाने सर्वे कराया जा रहा है।
कुरूद के 124 गांव प्रभावित
धमतरी. ग्राम बेलरगांव के संतोष पटेल, हरि साहू सहित 10 से 15 किसानों के खेत में रेत पट गई है।
चल रहे 87 राहत कैंप
बाढ़ प्रभावितों को भोजन, आश्रय देने के लिए ब्लाक स्तर पर जिलेभर में 87 राहत कैंप लगाए गए हैं। ये कैंप पंचायत भवन, स्कूल सहित गांव के अन्य भवनों में चल रहे हैं। 12 अगस्त को जिलेभर में तेज बारिश हुई थी, इस दौरान नगरी ब्लाक के सीतानदी में एक युवक बह गया, लेकिन बाद में उसे सुरक्षित निकाल लिया गया। रिसगांव के पास खेत में काम कर लौट रहे रामनाथ गोंड़ (50) और उसकी प|ी सुगंतीन बाई कोकड़ी नदी में बह गए थे। दूसरे दिन दोनों की लाश मिली। इधर 27 अगस्त को मेघा पुल में कुरूद निवासी घनश्याम द्विवेदी बह गया था, जिसका अब तक कोई अता-पता नहीं चला है।