छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 18 साल भी दूसरे राज्य से बिजली की सप्लाई हो रही है। बिजली की आंख मिचौली से जनकपुर के ग्रामीणों परेशान हैं। हालत ऐसे हैं कि 24 घंटे में सिर्फ 2 से 4 घंटे ही बिजली रहती है। करीब डेढ़ लाख की आबादी वाले इस ब्लाॅक में बिजली, बारिश के इस मौसम में गुल ही रहती है। इससे यहां खेती, सरकारी कामकाज, बच्चों की पढ़ाई-लिखाई सब चौपट रहती है। किसी भी प्रकार की सुविधा समय पर नहीं मिलने से ग्रामीणों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ब्लाॅक भरतपुर के अधिकांश पंचायतों में बिजली आपूर्ति मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से हो होती है। बिजली आपूर्ति मध्यप्रदेश की तरफ से कब बंद हो जाए या फिर अघोषित बिजली कटौती शुरू हो जाए, इसकी वैधानिक सूचना उपभोक्ताओं को पहले से नहीं होती है। यहां तक कि सरकारी कार्यालय में भी कामकाज ठप हो जाता है। दूर-दराज से जनपद, तहसील, मनरेगा सहित बैंक के काम से आने वाले ग्रामीण परेशान होते हैं और बिजली की आंख मिचौली से परेशान होकर लौट जाते हैं। एेसे हालत हर दिन बने रहते हैं। जिन किसानों ने अपने खेतों में पानी सिंचाई के लिए पम्प ले रखे हैं, वे भी इसका इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। क्योंकि बिजली की सप्लाई कब होगी, इसकी जानकारी ही नहीं होती है और फसल बर्बाद हो जाती है। एेसे हालत यहां 12 महीने बने रहते हैं। छत्तीसगढ़ राज्य के 18 साल बाद भी अपने राज्य की 24 घंटे बिजली की सुविधा से वंचित हैं। ग्राम केल्हारी से जनकपुर के बीच बिजली सप्लाई के लिए लाखों रुपए खर्च कर गाढ़े गए खंभे और तार चोर काटकर ले गए। इसके बाद भी जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई नहीं हो रही हैं। स्ट्रीट लाइट को सौर ऊर्जा से संचालित करने की मांग जनकपुर में बिजली आपूर्ति की लचर व्यवस्था को देखते हुए जोगी कांग्रेस के ब्लाक अध्यक्ष अवधेश सिंह ने कलेक्टर को पत्र लिखा। उजाला बना रहे। जिला पंचायत सदस्य शरण सिंह का कहना है कि विकास की बात करने वाली सरकार को 15 साल कम पड़ गए।