धान की फसल में तनाछेदक और पत्ती मोड़क की बीमारी होने पर किसानों ने दवाई का छिड़काव शुरू कर दिया है। ग्राम छिंदगांव के किसान बिसौहाराम साहू, मरारटोला के कुमारी बाई बढ़ई, भुखऊराम साहू, कुसुमटोला के धनसाय साहू, निर्मला चुरेन्द्र, पुसावड़ के बनवाली चिराम, श्रवण गौर्रा, कुरूटोला शंकर लाल, भर्रीटोला के राजेश रावटे, जगदीश साहू ने बताया कि इस साल बारिश समय पर होने की वजह से फसल अच्छी है। लेकिन अब बीमारी लगने से धान के पौधे सूख रहे हैं। जिससे बचाने के लिए दवाई का छिड़काव कर रहे हैं।
किसानों ने बताया कि जब धान की फसल में बीमारी लगा तो पौधे को उखाड़कर कृषि विभाग के ग्रामसेेवक को दिखाया। तब बताया कि तनाछेदक व पत्ती मोड़क का प्रकोप हो गया है। धान की फसल में यह बीमारी तेजी से फैल रहा है। अगर समय पर नियंत्रण नहीं किया तो काफी नुकसान हो जाएगा। डौंडी के वरिष्ठ कृषि अधिकारी जेआर नेताम ने बताया कि तनाछेदक और ब्लाइंड रोग की शिकायत लगभग ब्लाॅक के सभी गांव में है। वे खुद बुधवार को पटेली, पचेड़ा, मंगलतराई, बेलोदा के खेतों का निरीक्षण किए। नेताम ने बताया कि आसमान में बदली की वजह से बीमारी आ रही है। इसके नियंत्रण के लिए 505 और क्लोरो पाइफास को 300 मिलीलीटर दवाई को घोल बनाकर प्रति एकड़ छिड़काव करने से जल्दी नियंत्रण होगा।
डौंडी. तनाछेदक से बचाव के लिए दवाई छिड़कते भर्रीटोला के किसान।