भावांतर भुगतान योजना में किसानों को फिर से पंजीयन करवाना पड़ रहा है। पूर्व में जो पंजीयन किए गए थे, उन्हें निरस्त कर दिया गया है। दोबारा पंजीयन करवाने जा रहे किसानों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। साफ्टवेयर के ठीक से काम नहीं करने पर उन्हें कई घंटे बैठना पड़ रहा है। उनसे दो बैंक खाते भी लिए जा रहे थे। हालांकि किसानों की परेशानी को देखते हुए अब एक ही खाता नंबर लिया जा रहा है। भावांतर भुगतान योजना में पूर्व में किए गए पंजीयन को निरस्त किया गया है। अब नए पंजीयन किए जा रहे हैं। जिसमें खरीफ की आठ तरह की फसलों को योजना में बेचा जा सकेगा। उसके बाद रबी की फसल के लिए यह पंजीयन काम आएगा या नहीं, इसको लेकर अब तक कुछ भी स्पष्ट नहीं है। नए पंजीयन के लिए दो बैंक खातों की अनिवार्यता से किसानों को परेशानी हो रही थी, उन्हें एक और खाता खुलवाना पड़ रहा था। अब इसमें संशोधन किया है तथा एक ही खाता नंबर लिया जा रहा है। उनसे सारे दस्तावेज फिर से लिए जा रहे हैं। साफ्टवेयर ठीक से नहीं चल रहा है, ऐसे में किसानों को परेशान होना पड़ रहा है। उपार्जन केंद्रों पर भीड़ लग रही है। सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है साॅफ्टवेयर को अपडेट किया गया है, इस वजह से फिर से पंजीयन कराया जा रहा है। जिसमें फसल का सत्यापन ऑनलाइन हो जाएगा। पंजीयन का कार्य जिले के 72 उपार्जन केंद्रों पर हो रहा है। जिसमें मंगलवार तक की स्थिति में 14123 हजार किसानों के नए पंजीयन हुए हैं। पंजीयन के लिए अंतिम तारीख 11 सितंबर हैं। लोड बढ़ने से सॉफ्टवेयर की स्पीट कम हो रही