इस बार खरीफ की बाेवनी को लेकर कृषि विभाग पूरी तरह से फेल हो गया। वहीं मानसून की देरी से भी बोवनी प्रभावित हुई। इसके चलते खरीफ के तय लक्ष्य 3 लाख 41 हजार हेक्टेयर के विरुद्ध महज 3 लाख 9 हजार हेक्टेयर में ही बोवनी हो पाई है, जबकि जिले में 32 हजार हेक्टेयर रकबे में खरीफ की बोवनी हो ही नहीं पाई है। किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा।
कृषि विभाग जिले में करीब 1 लाख 70 हजार हेक्टेयर रकबे तक धान की बोवनी की उम्मीद कर रहा था, लेकिन बाद मे मानसून की बेरुखी ने खरीफ की बोवनी का गणित बिगाड़ दिया। कई किसानों ने अच्छी बारिश की उम्मीद में बोवनी के लिए काफी इंतजार किया। जब पानी गिरा, तब तक बोवनी का समय निकल चुका था। यह सब देखकर कई जगह किसानों ने खेत खाली छोड़ दिए।