ढोढर के किसानों की रेल रोको आंदोलन व उग्र आंदोलन की चेतावनी के बाद बिजली कंपनी ने दो दिन का समय मांगा है। जिसमें उन्हें लिखित आश्वासन देकर राजस्थान के सवाई-माधौपुर जिले से बिजली सप्लाई दिलाने का वादा किया है। जिसके बाद किसानों ने दो दिन के लिए रेल रोको आंदोलन रद्द कर दिया। साथ ही किसानों ने बिजली कंपनी के अफसरों को चेतावनी दी है कि, दो दिन में बिजली नहीं मिली तो वह बड़ा आंदोलन करेंगे।
गौरतलब है कि, ढोढर में किसानों ने थाने का घेराव व प्रदर्शन करते हुए शनिवार को बिजली न मिलने पर रेल रोको आंदोलन की चेतावनी पुलिस को सौंपे आवेदन में कहीं थी। जबकि किसानों का कहना था कि, उन्हें बीते पांच दिनों से क्षेत्र की धान की फसल को सिंचित करने के लिए बिजली नहीं मिल रही है। जिससे उनकी धान की फसल अब सूखने लगी है। किसानों ने साफ कर दिया था कि अगर एक दिन में बिजली सप्लाई नहीं की गई तो वह 20 अगस्त यानी सोमवार को रेल रोको आंदोलन करेंगे। जिसके बाद डीई पराग धरवड़े किसानों द्वारा मिली चेतावनी को लेकर ढोढर पहुंचे और ग्रामीणों से चर्चा की। जिसमें उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि बिजली कंपनी द्वारा उनकी समस्या का समाधान दो दिनों के भीतर कर दिया जाएगा। इसके लिए बिजली कंपनी राजस्थान के सवाई-माधौपुर से अतिरिक्त बिजली लेगी, जिसे क्षेत्र में सप्लाई किया जाएगा, इससे ओवरलोड की समस्या खत्म होगी और किसानों को भरपूर 10 घंटे बिजली सप्लाई सिंचाई के लिए उपलब्ध हो सकेगी। लेकिन किसानों ने उनकी बात नहीं मानी, किसानों ने मौखिक आश्वासन नहीं माना तो डीई ने उन्हें यही आश्वासन लिखित में दिया और दो दिनों में बिजली बहाल करने की बात कहीं। जिस पर किसानों ने रेल रोको आंदोलन को दो दिन के टाल दिया।
प्रेमसर में आज चक्काजाम करेंगे किसान, चंबल नहर में पानी छोड़ने व बिजली की करेंगे मांग
श्योपुर-कोटा हाईवे पर आज चक्काजाम करेंगे किसान
श्योपुर-कोटा हाईवे पर प्रेमसर गांव के पास किसान व कांग्रेसी चक्काजाम करेंगे। जिसे लेकर वह शनिवार को ज्ञापन सौंप चुके है। जबकि बिजली समस्या पर पूर्व विधायक व कांग्रेस जिलाध्यक्ष बृजराज सिंह चौहान डीई पराग धरवड़े से भी मिल चुके है। प्रेमसर के अलावा इस चक्काजाम में ननावद, हरगोविंदपुरा, चक आसन, रामनगर, बिट्ठलपुर, सोंठवा, जलालपुरा, डाबरसा, पानड़ी, गांधीनगर, ननावद, पीथनाखेड़ली गांवों के किसान भी शामिल होंगे। जिन्हें भी समय पर बिजली नहीं मिल पा रही है और उक्त गांवों के किसानों भी धान की फसल सूखने लगी है। जिसे लेकर वह मंगलवार को हाईवे पर कांग्रेसियों के साथ मिलकर चक्काजाम करेंगे। बिजली के अलावा किसानों ने चंबल नहर में पानी छुड़वाने की मांग की थी, जिसके लिए 1 दिन का समय दिया था, लेकिन अब तक चंबल नहर में भी पानी नहीं छूटा है। अगर चंबल नहर में पानी छूटता है तो 50 हजार हेक्टेयर से ज्यादा रकबे में फसल सिंचाई के लिए बिजली ही जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
नहीं मिली बिजली तो खराब होंगी फसलें, लगेगा रोग
किसानों के सामने बिजली न मिलने से सिंचाई का अभाव तो है ही, साथ ही अगर समय पर सिंचाई नहीं हो पाई तो किसानों की फसल खराब तो होगी ही। साथ ही इसमें कई तरह के रोग भी लग जाएंगे। जिसमें पीला मोजेक सहित लाल धब्बा रोग सबसे तेजी से फैलेगा। कृषि विशेषज्ञ एसके शर्मा के अनुसार समय पर सिंचाई न होने के अभाव में कीट पत्तों को खाने लगते है, जबकि पीला मौजेक रोग जो कि वायरस के रूप में काम करता है तेजी से फैलने लगता है, जो कि फसल को बढ़ने नहीं देता। इसी तरह अन्य रोगों को खतरा भी समय पर सिंचाई न होने के चलते बढ़ जाता है।
सवाई-माधौपुर से किसानों को बिजली मुहैया कराई जाएगी
सवाई-माधौपुर से किसानों को बिजली मुहैया कराई जाएगी, इसके लिए चर्चा कर ली गई। इसके अलावा अतिरिक्त सब-स्टेशनों व अतिरिक्त ट्रांसफार्मर रखने का काम भी तेजी के साथ जारी बना हुआ है। बिजली की समस्या ओवरलोड से जिसे में हम दूर रहे है। पराग धरवड़े, डीई, बिजली कंपनी श्योपुर