मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में आंदोलन के बाद से एक बार फिर किसानों के बारे में बहस का सिलसिला शुरू हो गया है। हालांकि अब दोनों राज्यों की सरकारों ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा कर रही है, लेकिन अभी भी कई मुद्दे पीछे छूट रहे हैं। जिन पर सरकार बात तक करने को तैयार नहीं है। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर सरकार पहले ही हाथ खड़े कर चुकी है। किसानों को उनकी लागत के हिसाब से फसलों के दाम उपलब्ध कराने को सरकार तैयार नहीं है।