निवाली | Sep 14, 2018
नगर के पास के ग्राम झंडिया कुंडिया में 11.25 करोड़ रुपए की लागत से सिंचाई डैम बनकर तैयार हो गया है। इस डैम से गांव सहित आसपास की 425 हेक्टयर भूमि सिंचित होने का लक्ष्य रखा गया है। उल्लेखनीय है कि चार साल में डैम का निर्माण कार्य पूरा हुआ है, लेकिन अभी तक यहां के कुछ किसानों को डूब में गई जमीनों का मुआवजा नहीं मिला है। इससे किसान परेशान हो रहे हैं। उनके पास कृषि करने के लिए भूमि नहीं बची है। यहां तक की उनके मकान भी टूट गए हैं। कई बार मांग करने के बाद भी लोगों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है।
कुछ किसानों जिन की कृषि भूमि डैम में डूब में गई है उन्हें जल संसाधन विभाग ने मुआवजा दे दिया है। लेकिन 24 किसानों को अभी तक मुआवजा नहीं मिल सका है। गांव के किसान सुरेश बंजी ब्रह्मणे, रेवसिंह जंगलिया, दूधा चीमा ने बताया जिस भूमि पर डैम बना है। हम उस भूमि पर 1962 से काबिज थे। हम लोग कृषि पर निर्भर हैं। हमारे घर भी बने हुए थे। 2015 में हमें मुआवजा देने की बात कही गई थी। हम ने अपने मकान तोड़ लिए खेती डूब में चली गई। जब से हम ऑफिसों के चक्कर लगा रहे हैं। मुआवजे की मांग को लेकर हम भोपाल भी जा चुकें है, लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
डैम से 425 हेक्टयर भूिम सिंचित हाेने का लक्ष्य
डैम में भरा पानी दिखाते गांव के किसान।
ग्रामीणों ने चार माह तक रुकवाया था काम
ग्रामीणों ने बताया कि डेम में डूब गई जमीनों को मुआवजा नहीं मिलने पर डेढ साल पहले हमने चार माह तक डेम का काम रुकवा दिया था। इसके बाद अधिकारियों ने मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया था। तब जाकर काम शुरू होने दिया था। लेकिन अब वहीं अधिकारी मुआवजा नहीं मिलने पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे गांव के 24 किसानों के परिवार दर-दर मजदूरी करने को मजबूर हो रहे हैं। काम बंद होने के दौरान जल संसाधन विभाग के अधिकारी बार-बार आकर किसानों से चर्चा कर रहे थे। काम शुरू होने के बाद से अधिकारी दोबारा नहीं आए। न ही मुआवजा दिलाया है।