दुर्ग | Sep 18, 2018
पिछले 10 दिनों से बारिश बंद होने के बाद जिले के तीनों ब्लाकों में पानी की डिमांड शुरू हो गई है। मध्यम और लेट वैरायटी के धान की फसल के लिए किसानों ने पानी की डिमांड शुरू कर दी है। बारिश न होने पर फसल को नुकसान की आशंका जताई जा रही है। अफसरों के अनुसार हफ्ते भर में पानी न मिलने पर दोनों वैरायटी की फसल को नुकसान होगा।
कृषि विभाग के अफसरों के अनुसार पाटन, धमधा और दुर्ग ब्लाक के कई क्लस्टर में किसान पानी की डिमांड कर रहे हैं। मिट्टी की जमीन भाठा होने के कारण खेतों में जमा पानी खाली हो गया है। पानी न मिलने पर लेट वैरायटी की फसल में कंसे नहीं आएंगे। इसी तरह मध्यम अवधि के धान की फसल की बाली पकने की क्षमता में कमी आएगी। किसानों का कहना है कि खेतों में फसल को देर से पानी मिलने पर नुकसान बढ़ेगा। हफ्ते भर में बारिश न होने पर फसल सूखने लगेगी। सिंचाई क्षमता वाले किसानों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली सप्लाई नियमित न होने के कारण फसल को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा। सिंचाई सुविधा के अभाव में किसान नहर से पानी छोड़ने की मांग करने लगे हैं।
उत्पादन के लिए फौरन बारिश
सोमवार को खंड वर्षा हुई। शाम के समय कई इलाकों में तेज और कुछ इलाकों में मध्यम बारिश हुई। ज्यादातर इलाकों में बारिश नहीं हुई। जिले में हर साल 1059 मिमी बारिश होती है। अब तक जिले में 959.4 मिमी बारिश हो चुकी है। अफसरों ने बताया कि अच्छी पैदावार के लिए जरूरी है।