रायगढ Oct 09, 2018
दो दिनों में धरमजयगढ़ वनमंडल में हाथियों के झुंड ने 43 किसानों के खेतों में फसल खराब की। आसपास के गांवों में घूम-घूमकर हाथी किसानों की फसल खराब कर रहे हैं। खेतों के सामने खड़े होकर किसान अपने खेतों की सुरक्षा करने की कोशिश कर रहे हैं। किसान हाथी को खेत से दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन हाथी लोगों को दौड़ाते हैं। रतजगा करने के अलावा दिन में भी किसानों को अपने खेतों की सुरक्षा करनी पड़ रही है। हाथियों के आतंक से परेशान ग्रामीणों ने दो दिन पहले एनएच पर चक्का जाम किया था।
63 हाथी एक साथ रुपुंगा में – धरमजयगढ़ वनमंडल के रुपुंगा गांव में वर्तमान में 63 हाथियों का दल एक साथ है। शेष | पेज 12
इसके अलावा अन्य वन परिक्षेत्रों को मिलाकर कुल 90 हाथी अभी वनमंडल में घूम रहे हैं। ग्रामीण अपने खेतों में मचान बनाकर रात को टार्च लेकर खेतों की सुरक्षा के लिए बैठे होते हैं। फसल की सुरक्षा में ही कई बार किसानों की जान जा चुकी है। बावजूद हाथियों से होने वाली घटनाएं नहीं थम रही है। इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बीते छह माह के भीतर ही हाथियों द्वारा किए जाने वाले नुकसान की भरपाई के लिए धरमजयगढ़ वनमंडल लगभग 1 करोड़ मुआवजा बांट चुका है।
हाथी कॉरीडोर कागजों पर ही
हाथियों के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में कॉरीडोर तैयार किया जाना है। इसका काम केवल कागजों पर ही दिख रहा है। 2013 से वनविभाग प्रदेश के कुछ हिस्सों में हाथियों के लिए कॉरीडोर विकसित करने की तैयारी कर रहा है। गजराज प्रोजेक्ट में तैयार होने वाले कॉरीडोर में हाथियों के लिए चारागाह भी बनाना है। जिससे हाथियों को इंसानों की बस्ती से दूर रखा जा सके। इस योजना में धरमजयगढ़ वनमंडल में 70 लाख खर्च कर जंगलों में स्टॉप डेम बनवाया गया है। 90 लाख से चारागाह विकास करने के लिए बिलासपुर मुख्यालय को प्रस्ताव भी भेजा गया है। बावजूद हाथियों को जंगल के अंदर रोकने में अभी तक विभाग असफल साबित हुआ है।