भूमि सुधार और जमीन की उर्वरा क्षमता बढ़ाने के लिए अब सरकार जैविक खेती की ओर जा रही है। अब किसानों को जैविक खेती करने पर अनुदान देने की तैयारी सरकार ने की है।
जैविक खेती मिशन योजना के तहत ऐसे किसानों को 10 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। यही नहीं ऐसे जैविक खेती से तैयार फसलों की खरीदी की योजना भी सरकार ने बनाई है। इसके लिए मंडियों में अलग से व्यवस्था की जाएगी। दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र के दौरान राज्यों को जैविक खेती के लिए योजनाएं चलाने कहा था। इसके लिए केंद्र से अनुदान के लिए बजट का प्रावधान भी किया गया था।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस दिशा में काम शुरू की है और जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के 22 जिलों के एक-एक ब्लॉक का चयन किया है। महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक का चयन इस योजना के लिए किया है। योजना के तहत यहां 200 एकड़ में जैविक खेती की जा रही है। इसके लिए 400 किसानों का चयन किया गया है। योजना के लिए चार क्लस्टर बनाए गए हैं। प्रत्येक में 100 किसानों के खेतों को रखा गया है।
रासायनिक खाद से हार्मोनल संतुलन बिगड़ा: राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद ने बेहद चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की है, जिसमें कहा गया है कि रासायनिक खाद के प्रयोग से मनुष्य का हार्मोनल संतुलन बिगड़ रहा है। यही नहीं शुगर पीडितों की संख्या भी बढ़ रही है। इसका कुप्रभाव मनुष्य की प्रजनन क्षमता पर पड़ रहा है। गर्भस्थ शिशु के लिए यह खतरा बनते जा रहा है। यही वजह है कि अविकसित शिशुओं का जन्म हो रहा है।
नई पहल
भूमि की उर्वरा क्षमता बढ़ाने की कवायद, जैविक खेती से तैयार फसलों की खरीदी की योजना बनाई गई है
3 साल के लिए लागू की जाएगी यह योजना
सरकार ने यह योजना तीन साल के लिए लागू की है, जिसमें किसानों को खेत की तैयारी और बोनी से लेकर सभी कार्यों के लिए प्रत्येक एकड़ के हिसाब से 10 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा। योजना के अंतर्गत बागबाहरा को जैविक विकासखंड घोषित किया गया है।
महासमुंद| बागबाहरा विकासखंड में रोपा लगाते किसान और मजदूर।
इन कार्यों के लिए इतनी मिलेगी अनुदान राशि
खेत की तैयारी व बोनी 1500
बीज 700
बीजोपचार 100
तत्व प्रबंधन 4400
खरपतवार प्रबंधन 1000
जैविक कीट प्रबंधन 2300
कुल 10,000 रुपए