17 Oct 2018
रायगढ़
जिले में औसत से 15 प्रतिशत कम बारिश के बाद अब खेतों में मिट्टी में नमी की मात्रा कम होने लगी है। मानसून के धोखा देने के बाद असिचिंत वाले रकबे में किसानों की परेशानी बढ़ गई है। तमनार,घरघोड़ा व धरमजयगढ़ के उपरी इलाकों में तो फसल प्रभावित होनी शुरू हो गई है। जिसके बाद कृषि विभाग भी 20 से 25 प्रतिशत उत्पादन कम होने की आशंका जता रहा है।
समय से पहले आने वाले मानसून ने इस बार किसानों को दगा दे दिया है। सितंबर के पहले हफ्ते की मूसलाधार बारिश के बाद महीने भर में बारिश नहीं के बराबर हुई थी। मौसम विभाग के अनुसार भी 30 सितंबर को जिले में जब मानसून की समाप्ति हुई तो जिले में औसत से 15 प्रतिशत कम बारिश दर्ज की गई थी। अक्टूबर के शुरूआती 15 दिनों में भी बादलों ने किसानों को किसी तरह से साथ नहीं दिया। जिसके कारण जिले में अप लैंड में होने वाली खेती प्रभावित हो रही है। कृषि विभाग के अनुसार तमनार, घरघोड़ा एवं धरमजयगढ़ के उपरी इलाकों में खेतों में मिट्टी में नमी की मात्रा बेहद कम हो गई है। इस वजह से कई खेतों में तो धान की बालियां पूरी तरह से फूट नहीं पाई हैं। वहीं असिंचिंत रकबे वाले खेतों में तो कई जगह धान की बालियां अभी तक नहीं दिखी हैं। किसानों के पास सिंचाई का कोई साधन नहीं होने पर ऐसे खेतों में फसल चौपट होनी शुरू हो गई है। ऐसे में कृषि विभाग ने भी खरीफ में उत्पादन में 25 प्रतिशत तक गिरावट आने की आशंका जता दी है। हालाकि खंड वर्षा होने के कारण कई खेतों में अच्छी पैदावार वाली स्थिति भी है लेकिन असिंचिंत का रकबा अधिक होने से किसानों को बीते साल की तरह सूखे की आशंका सता रही है।
धोखा दे उड़ गए तितली के बादल
ओडीसा में चक्रवाती तूफान तितली के बाद छग में भी अलर्ट जारी किया गया था। ओडीसा बार्डर पर बसे रायगढ़ जिले में इस दौरान दो दिनों तक आसमान पर काले बादल छाए रहे और पूर्व की ओर आने वाली तेज हवाओं के साथ मौमस में भी हल्की ठंडक आई लेकिन तितली के ये बादल जिले में बारिश बनकर धरती पर नहीं उतर सके और किसानों को धोखा देकर उड़ लिए।
5 साल में मानसून की ऐसी रफ्तार
मानसून वर्ष, बारिश मिमी में, औसत प्रतिशत में
2014, 1056 मिमी,97 प्रतिशत
2015, 1147 मिमी , 103.6 प्रतिशत
2016, 1361 मिमी, 123 प्रतिशत
2017, 940 मिमी, 82.9 प्रतिशत
2018, 942 मिमी, 85.1 प्रतिशत
9 में से 8 तहसील में थी कम बारिश
जिले में इस बार खरसिया में 10 सालों के औसत की तुलना में केवल 67.2प्रतिशत, तमनार में 69.8 प्रतिशत,धरमजयगढ़ में 81 प्रतिशत व रायगढ़ में 82.7 प्रतिशत बारिश ही हुई है। इसी तरह
बरमकेला में 86.8प्रतिशत, घरघोड़ा में 81प्रतिशत,बरमकेला में 86.8प्रतिशत,सारंगढ़ में 92.3प्रतिशत,लैलूंगा में 99.9प्रतिशत व पुसौर में 105 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है।
जिले में औसत से कम बारिश हुई है। अप लैंड के खेतों में मिट्टी में नमी की मात्रा कम हो गई है। तमनार,घरघोड़ा एवं धरमजयगढ़ के असिंचिंत रकबे वाले एरिया में ज्यादा दिक्कत है। इसलिए खरीफ में इस बार उत्पादन 20 से 25 प्रतिशत कम हो सकता है।