Nov 08, 2018
जिले की 603 सहकारी समितियों के ऑडिट का 50 फीसदी से ज्यादा काम पेंडिंग है। इसके चलते किसानों को क्रॉप लोन संबंधी प्रकरण स्वीकृत करने में समितियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ऑडिट से समितियों में होने वाली आर्थिक गड़बड़ी और वार्षिक आय-व्यय के साथ शुद्ध लाभ की गणना होती है। जिले में पदस्थ 4 अंकेक्षकों पर 603 सहकारी समितियों के ऑडिट की जिम्मेदारी होने से एक-एक को करीब 150 संस्था का ऑडिट करना पड़ रहा है। इसके चलते जिला ऑडिट में पिछड़ गया है। सहायक पंजीयक सहकारिता अभी वित्तीय वर्ष 2017-18 का ऑडिट ही पूरा नहीं कर पाया है जबकि 30 सितंबर तक विभाग को ऑडिट पूरा करना था। आगामी वित्तीय वर्ष 2018-19 का लक्ष्य भी विभाग को मिल चुका है। ऐसे में संस्थाओं का ऑडिट सहकारिता विभाग के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। जिले में अंकेक्षण के 24 पद स्वीकृत है। एआर सहित सभी ऑडिटर और कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में उड़न दस्ता दल में तैनात किया हैं। ऐसे में 28 नवंबर बाद ही ऑडिट शुरू किया जा सकेगा। इधर, पिछले महीने दो ऑडिटर का स्थानांतरण होने पर उनके स्थान पर रिलीवर ने ज्वाइन नहीं किया है।
एआर राजेंद्रसिंह कनेस ने बताया 30 सितंबर तक 603 सहकारी समितियों का ऑडिट पूरा होना था। जो अभी तक 48 फीसदी ही पूरा हुआ है। बाकी कार्य विधानसभा चुनाव के बाद पूरा होगा।