रायगढ़ | Oct 06, 2018
धान की कटाई में हार्वेस्टर मालिकों व किसानों की मनमानी अब नहीं चलेगी। केंद्र सरकार ने नए निर्देश दिए हैं। कटाई के बाद अवशेष को खेतों में छोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। खेतों में छोड़ने के बजाय इसे मशीन में ही एक जगह सुरक्षित रखना होगा। इसके लिए हार्वेस्टर मशीन के अंतिम हिस्से में इंट्रा कलेक्टिंग यूनिट लगानी होगी। यह यूनिट फसल कटाई के दौरान पैरा को बांधकर यूनिट में स्टोर करके रखेगी।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एन जीटी) की सख्ती के बाद केंद्र के इस निर्देश को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसके लिए कृषि विभाग के कार्यालय में मशीन का रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। इसके बाद ही फसल कटाई की अनुमति मिलेगी। केंद्र सरकार ने यह फैसला कटाई के बाद खेतों में ही छोड़ दिए गए फसल अवशेष जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिहाज से लिया है। जिले में एक या डेढ़ माह बाद फसल पककर तैयार होने की संभावना है। कृषि विभाग ने हर ब्लॉक की फसल की स्थिति का आंकलन करने के बाद यह पाया है कि फसलों की स्थिति को देखते हुए इस बार हार्वेस्टर से कटाई बड़े पैमाने पर होगी। हरियाणा और पंजाब से हार्वेस्टर संचालक अपनी मशीन लेकर जिले के गांवों में पहुंचते हैं।
समय की बचत व मजदूरों की कमी के चलते किसान हार्वेस्टर के जरिए धान की कटाई कराने लगे हैं। इसे देखते हुए यह आदेश जारी किया गया।