रायगढ Oct 12, 2018
बरमकेला तहसील मॉड्यूल से ग्राम पिहरा का रकबा घटने के साथ ही शून्य दिख रहा है। इसके चलते राज्य शासन के समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में पुराने व नए किसानों के लिए पंजीयन कराना परेशानी का कारण बन गया है।
समिति व तहसील कार्यालय का किसान चक्कर काटने मजबूर हैं। वहीं इस गड़बड़ी को ठीक करने की बजाय अफसर एक दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। पंजीयन के लिए अब मात्र 20 दिनों का समय शेष रह गया है। इसमें भी दशहरा व सरकारी अवकाश के एक सप्ताह निकल जाएगा। बरमकेला ब्लॉक के सेवा सहकारी समिति बोंदा अंतर्गत ग्राम पिहरा में डेढ़ सौ से भी अधिक किसान हैं। गांव का कुल रकबा 175.713 हेक्टेयर है। इसमें 137.370 हेक्टेयर कृषि भूमि है।
पिछले समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए 130.20 हेक्टेयर का पंजीयन हुआ था। मतलब इस बार खरीफ सीजन 2018-19 में लगभग इतने ही रकबा या फिर 137.370 रकबे का पंजीयन होना चाहिए, पर तहसील मॉड्यूल में रकबा जहां शून्य दिखा रहा है तो वहीं समिति के उपार्जन सॉफ्टवेयर में 102.489 ही रकबा दिखा रहा है। तहसीलदार के माड्यूल से रकबा शून्य होने पर टेक्निकल प्रॉब्लम बताया जा रहा है तो समिति के रिकार्ड में एंट्री में हुई गड़बड़ी की वजह से ऐसा होना बताया जा रहा है। अगर 31 अक्टूबर के पहले साफ्टवेयर अपडेट नहीं हुआ तो अधिकारियों की लापरवाही का खामियाजा पिहरा के करीब 150 अन्नदाता भुगतेंगे।