राजिम| Nov 29, 2018
अंचल में इन दिनों धान की कटाई मिंजाई का काम तेजी से चल रहा है। चुनाव एवं देवउठनी पर्व की वजह से एक बड़ा वर्ग खेती किसानी के काम से दूर था लेकिन चुनाव निपटते ही लोग तेजी से खेती किसानी में जुट गए हैं। अर्ली वेरायटी का धान तो कट गया है पर देर से पकने वाले धान की कटाई जोरों से की जा रही है ताकि सरकार बनते ही मंडियों में पहुंचाया जा सके।
बताना जरूरी है कि कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की गई है जिससे किसानों ने अपना धान बेचने से रोक लिया है। किसानों का कहना है कि हार्वेस्टर मशीन के कारण कटाई मिंजाई के कामों में तेजी आई है और 50% कार्य संपन्न हो चुका है। ग्राम रक्शा के किसान पवन कुमार साहू, इंदर ध्रुव, दऊवा राम, कुमार निषाद ,संतराम, सीताराम साहू, मोहन सतनामी, सुधीर राव महाडिक, गोपाल प्रसाद, लक्ष्मण साहू, दीपेश साहू, ओमप्रकाश, टंकू ध्रुव एवं देवनाथ ध्रुव ने बताया कि बड़े किसान हार्वेस्टर मशीन से कटाई मिंसाई का काम कर रहे हैं। हार्वेस्टर मशीन संचालक प्रति एकड़ फसल कटाई ₹2000 ले रहे हैं। कटाई से लेकर मिंजाई तक का काम को डेढ़ घंटे में पूरा हो जाता है।
लघु एवं छोटे किसान मजदूरों के भरोसे काम करवा रहे हैं। जिस तेजी से काम चल रहा है उससे ऐसा लगता है कि दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक काम पूर्ण हो जाएगा।
दिसंबर के पहले सप्ताह तक फसल कटाई पूरी होने की संभावना
राजिम. क्षेत्र के बड़े किसान हार्वेस्टर से तेजी से फसल कटाई करवा रहे हैं।
रबी फसल को पानी का देने का फैसला अभी तक नहीं
किसान इसके बाद रबी फसल के कामों में जुट जाएंगे लेकिन उनका कहना है कि अभी तक रबी फसल के लिए पानी किन इलाकों को दिया जाएगा, यह तय नहीं हो पाया है इसलिए किसान रबी फसल बोवाई के लिए असमंजस की स्थिति में है। ज्ञातव्य हो कि राजिम क्षेत्र में रबी फसल में भी धान का उत्पादन तकरीबन 30 से 40 हजार एकड़ में होता है। इनमें ज्यादातर स्वयं के सिंचाई साधन वाले किसान मोटर पंप के सहारे बुवाई करते हैं। किसानों का कहना है कि 15 दिसंबर के बाद रबी फसल की तैयारी में लग जाते हैं लेकिन चुनाव एवं आचार संहिता के चलते जलाशय से पानी देने अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है । वैसे इस वर्ष मानसून में बारिश अच्छी हुई है इसलिए उम्मीद है कि सिकासेर जलाशय में पानी भरपूर है और पानी दिया जा सकता है।