जगदलपुर May 04, 2019
गर्मी में लगातार घट रहे जलस्तर के चलते अब किसानों पर भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। कोसारटेडा सिंचाई परियोजना से जुड़े खंडसरा गांव के 25 से ज्यादा किसानों की करीब 18 एकड़ में लगी धान व मक्का की फसल पर पानी की कमी का असर दिखने लगा है। सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने से फसल सूखती चली जा रही है।
कोसारटेडा बांध में 19.96 मिलीयन घनमीटर पानी बचा हुआ है, जबकि इसकी क्षमता 117.700 मिलीयन घनमीटर है। पानी कम होता देख जल संसाधन विभाग ने बांध के सभी गेट बंद कर दिए हैं, जिसके कारण अब किसानों को पानी ही नहीं मिल रहा है।
खंडसरा के 25 से ज्यादा किसान हुए प्रभावित: खंडसरा के प्रभावित किसान बलीराम, माली, गोंचुराम, सायबी, सुखमन, मासो, सिरो, जगु, लक्ष्मण, सोनाधर, डुमरी, मिटकु, फरसु, गोबर, सिरो, दसरू, छेडु, समदु, गोकुल, शिवराम, कंवलदई, नडगु, रुपनाथ, पदम, डूमर सहित अन्य किसानों ने बताया कि इस रबी के मौसम में उन्होंने धान की फसल बोई थी। वहीं इनमें से 4 ने धान के साथ मक्का और 4 ने केवल मक्का बोया। उन्होंने कोसारटेडा में भरा पानी उनके खेतों के लिए छोड़ने की मांग एक हफ्ते पहले की थी, जिसे शुक्रवार को एक नहर से छोड़ा गया। नतीजा ये निकला कि उनकी फसल का फायदा किसानों को बहुत ही कम मिल पाएगा।
सूख रही मक्के की फसल के बीच खड़ा खंडसरा का किसान।
कटौती और लो-वॉल्टेज ने बढ़ाई परेशानी
बिजली की कटौती और लो-वॉल्टेज की समस्या फिर से शुरू हो गई है। किसान अपने बोर से भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं ले पा रहे हैं। लो-वाॅल्टेज में पंप चल ही नहीं पा रहे हैं। इधर कोसारटेडा बांध से पिछले महीने चित्रकोट के लिए पानी छोड़ने का ग्रामीणों ने विरोध किया तो जल संसाधन विभाग ने पूरे गेट ही बंद कर दिए हैं।
पिछले हफ्ते जल संसाधन विभाग से की थी मांग
जल संसाधन विभाग के ईई पीजीएस राजपूत ने बताया कि पिछले हफ्ते किसानों ने सिंचाई के लिए पानी देने की मांग की थी। इस पर शुक्रवार को पानी छोड़ दिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी कोसारटेडा बांध में 19.96 मिलियन घनमीटर पानी ही बचा हुआ है, जिसे आपात स्थिति के लिए बचाकर रखा गया है।