मानपुर के पास सरसों की बोवनी के लिए खेत हांकता किसान।
Oct 03, 2018
खेतों में पाटा चलाकर भूमिगत नमी को संरक्षित रखने की कवायद कर रहे किसान
सरसों की बोवनी के लिए किसानों ने खेत तैयार कर लिए हैं। तापमान अधिक होने की वजह से बीज डालने से हिचक रहे है। खेत में नमी को संचित रखने के लिए कल्टीवेटर से गहरी जुताई करने के बाद ऊपर से पाटा फेरने की कवायद में किसान व्यस्त नजर आ रहे हैं। ताकि खेतों में मौजूद भूमिगत नमी को संरक्षित किया जा सके। खासकर असिंचित क्षेत्र के किसानों के सामने खेत में मौजूद नमी को बनाए रखना जरूरी है।
बीज का टीकाकरण करें तो होगी फसल निरोग
कृषि विभाग के अधिकारियों के दल ने मंगलवार को मानपुर क्षेत्र के ग्राम सोईंकलां, जलालपुरा , बगडुवा व चिमलका में मैदान भ्रमण करते हुए किसानों को सरसों की बोवनी से पूर्व बीजोपचार का तरीका बताया। एसडीओ एसके शर्मा ने किसानों से चर्चा करते हुए बताया कि जैसे घातक बीमारियों से बचाने के लिए छोटे बच्चों को टीके लगाते हैं, उसी तरह बीज का भी टीकाकरण होता है। जिसे किसान बीजोपचार के नाम जानते हैं तो विज्ञान की भाषा में यह प्रक्रिया फंजीसाइड्स ,इंसेक्टीसाइड्स कल्चर कहलाती है। इसमें बीज को फफूंद से बचाने के लिए एम-45 बावस्टीन या वीटाविक्स पावर दवा को 3 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से मिलाकर उपचारित किया जाता है। कीड़ो की रोकथाम के लिए क्लोरोपायरीफोस 6 एमएल दवा प्रति एक किलो बीज के हिसाब से उपचारित करें। बीज में एमिडाक्लोरपिड 1 एमएल दवा प्रति किलो की दर से उपचारित करने पर पौधे में दीमक नहीं लगती है।
बोवनी में जल्दबाजी नहीं करें किसान