Nov 08, 2018
प्रदेश की ‘ए’ ग्रेड की मंडियों में शुमार नीमच कृषि उपज मंडी में वैसे तो 52 प्रकार की जींस नीलाम होने आती है। इसमें लहसुन उपज मप्र व राजस्थान के 15 जिलों से किसान लेकर आते हैं। कुछ समय से मंडी में लहसुन की खरीदी-बिक्री का ट्रेंड बदल रहा है। कई किसान बोरी और कट्टाे के बजाए कार्टून में पैकिंग कर ला रहे हैं। अच्छी पैकिंग और ग्रेडिंग के चलते भाव 10 से 12 फीसदी प्रति क्विंटल ज्यादा मिल रहे हैं।
सीजन के समय मंडी में 25 हजार बाेरी वहीं सामान्य दिनों में 5 से 8 हजार बोरी लहसुन आती है। इससे मंडी को करोड़ों रुपए का राजस्व मिलता हैं। कुछ समय से उपज लाने की व्यवस्था में बदलाव देखने को मिल रहा है। पहले कुछ किसान कार्टून में लहसुन की पैकिंग तथा अच्छी ग्रेडिंग के कारण व्यापारियों ने ऊंचे दामों में खरीदा। भाव अच्छे मिले तो धीरे-धीरे कार्टून पैकिंग में लहसुन लेकर आने वाले किसानों की संख्या बढ़ने लगी। वर्तमान में 50 से अधिक किसान प्रतिदिन कार्टून में पैकिंग कर लहसुन ला रहे हैं। जिन्हें 3500 से 3600 रुपए प्रति क्विंटल भाव मिल रहे हैं।
इसलिए मिलते हैं ज्यादा भाव
व्यापारी नवीन अग्रवाल के बताया की किसान कार्टून में उपज की ग्रेडिंग से करके लाते हैं। इससे माल की एक क्वालिटी हो जाती है। इससे हमारी मेहनत बच जाती है। लहसुन सीधे बाहर भेज देते हैं। किसानों को भी अच्छा भाव मिल जाता है।
कार्टून में पैक करके ग्रेडिंग अनुसार लहसुन लेकर आए किसान।
ग्रेडिंग और पैकिंग में 175 का खर्चा
प्रति क्विटंल लहसुन की ग्रेडिंग की मजदूरी पर 50 रुपए का खर्च होते है। एक कार्टून में करीब 40 किलो लहसुन आता है। एक क्विंटल लहसुन की पैकिंग के लिए ढाई कार्टून लगते हैं। कार्टून के लिए 125 रुपए खर्च होते हैं। पैकिंग और ग्रेडिंग के मिलाकर प्रति क्विंटल 175 रुपए का खर्चा आता है। खर्चा निकालने के बाद भी करीब 225 से 625 रुपए का लाभ हो सकता है।