चुनावी शोर गुल से दूर ग्रामीण क्षेत्रों में किसान इन दिनों धान की कटाई, ढुलाई और मिंजाई में जुटे हैं।
वहीं अब किसानों को बारिश की कमी से खराब हाेने के बाद बची फसल को काट कर आदिम जाति सेवा सहकारी समिति पटना से लिए गए कर्ज को चुकाने की फिक्र है। इसलिए किसान कटाई के साथ कांवर, ट्रैक्टर, पिकअप के अलावा बाइक पर धान ढुलाई कर रहे हैं। वहीं किसानों के खेती में जुटने से विस चुनाव पर भी असर दिख रहा है। कुछ प्रत्याशियों की सभाओं में भीड़ न के बराबर दिखी।
बाइक एवं साइकिल से धान ढुलाई करता किसान।
अब तक केंद्र पर सिर्फ 125 क्विंटल धान की खरीदी
बता दें कि पटना के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में 1 नवंबर से धान खरीदी शुरू है। जिले की सबसे बड़ी धान खरीदी केन्द्र पटना में धान खरीदी शुरू हो गई है, लेकिन धान बेचने के लिए अब तक इक्का-दुक्का किसान ही धान बेचने के लिए पहुंच रहे हैं। समिति के प्रबंधक अनूप कुशवाहा ने बताया कि 1 से लेकर 6 नवंबर के बीच करीब 125 क्विंटल धान किसानों से खरीदी गई है। एक सप्ताह के बाद आवक बढ़ने की संभावना है।