01 Oct 2018
कटघोरा।
कृषि वैज्ञानिक ग्रामीण क्षेत्रों में सतत भ्रमण करते रहें और कृषकों से संपर्क कर गुणवत्तापूर्ण फसल एवं बेहतर उत्पादन की तकनीक की जानकारी प्रदान करें। कृषि संबंधी समस्याओं, कीट व्याधि और उन्नत फसल से संबंधित परामर्श कर उनकी मुश्किलों का समाधान करना किसानों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्हें तोरिया, रामतिल व कुल्थी के उन्नत फसल लगाने प्रोत्साहित करें, ताकि वे बेहतर उत्पादन से जुड़कर आर्थिक उन्नति प्राप्त कर सकें।
यह बातें बिलासपुर संभाग के संयुक्त कृषि संचालक एमके चौहान ने कृषि विज्ञान केंद्र कटघोरा में कही। केंद्र आयोजित कार्यशाला में श्री चौहान बतौर मुख्य अतिथि शामिल होने पहुंचे थे। जिले के कृषि अधिकारियों के लिए आयोजित मासिक कार्यशाला में सभी विकासखंडों के वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी, कृषि विस्तार अधिकारी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी कटघोरा मौजूद रहे। श्री चौहान ने जिले की कृषि संबंधी वर्तमान समस्याओं की जानकारी प्राप्त करते हुए दिशा-निर्देश प्रदान किए। उन्होंने कृषि अधिकारियों से सतत् भ्रमण कर खरीफ फसलों में लगने वाली कीट व्याधि की जानकारी कृषकों से प्राप्त करने व उचित समाधान प्रदान करने कहा। कृषि वैज्ञानिकों को दौरा करने व कृषकों से संपर्क साधते हुए बेहतर कृषि कार्य एवं उत्पादन प्राप्ति के उपाय पर चर्चा करते रहने कहा। इस दौरान श्री चौहान ने कृषि विज्ञान केंद्र भ्रमण किया। प्रक्षेत्र में स्थापित विभिन्न इकाइयों का अवलोकन करते हुए उनके संबंध में विस्तार से जानकारी भी प्राप्त की।
खाली पड़े खेतों में रबी की तैयारी
कार्यशाला में वैज्ञानिक (कीट) एमएस उर्रे ने खरीफ की फसलों जैसे धान, उड़द व अरहर में लगने वाली कीट व्याधि की विस्तृत जानकारी एवं उसके निदान पर प्रकाश डाला। इस समस्या से राहत के लिए उन्होंने रासायनिक दवाओं के छिड़काव की सलाह दी। डॉ. एसके उपाध्याय ने उन्नत कृषि तकनीक का इस्तेमाल करते हुए कृषकों के मध्य खरीफ सीजन में लगने वाली फसलों की शीघ्र बोआई करने की सलाह प्रदान की। उन्होंने खाली पड़े खेतों की जोताइ कर रबी फसल के लिए तैयार करने व उपयुक्त नमी का संरक्षण करने की सलाह भी प्रदान की। वैज्ञानिक रितिका ठाकुर (पौध रोग) ने खरीफ फसलों में लगने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी प्रदान करते हुए उपचार की विधियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।