जांजगीर-चांपा | Sep 22, 2018
प्रमाणित बीज तैयार करने के लिए जिले के 800 से अधिक किसानों ने लगभग सात महीने पहले बीज निगम को धान बेचा। किसानों को इसका ढाई करोड़ रुपए का भुगतान होना था लेकिन विभाग ने अब तक किसानों को बीज की कीमत नहीं दी है। किसान आए दिन विभाग का चक्कर काट रहे हैं लेकिन अफसर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने की बात कह रहे हैं।
जिले के 800 से ज्यादा किसानों ने बीज निगम में प्रमाणित बीज देने के लिए पंजीयन कराया और फसल होने के बाद धान का तौल कराया। किसानों का धान पास हो गया, उन्हें कुछ राशि भी मिली मगर पूरी राशि का हिसाब अब तक नहीं हो पाया है। पंजीकृत किसानों ने यहां करोड़ों रुपए का धान दिया था। इसी धान को सहकारी समिति के माध्यम से किसानों को प्रमाणित बीज के रूप में दिया जाता है।
बीज निगम से परेशान होने से पहले किसान फसल बीमा का क्लेम नहीं मिलने तो कभी समय पर खाद बीज नहीं मिलने से परेशान रहते हैं। धान बेचने के वक्त ज्यादा तौल और लंबी कतारों के कारण भी धान पैदा करने वाले किसानों को दिक्कत है।
केंद्रों में पंजीकृत किसान
रायगढ़ बीज निगम में 115 पंजीकृत किसानों द्वारा बीज दिया गया था। इसी तरह बरमकेला में 616 और चपले में 700 किसानों ने उपज देने के लिए पंजीयन कराया था। जिले में कुल 1531 किसानों ने अपनी उपज बीज निगम को दिया। इनमें से 800 किसान ऐसे हैं जिन्हें अभी तक भुगतान नहीं मिला।
स्वीकृति नहीं से देरी हुई
बीज निगम के अफसरों का कहना है कि राशि के लिए प्रस्ताव बनाकर सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया था, लेकिन वहां से स्वीकृति नहीं मिलने के कारण इसमें देरी हो रही है। इसी के चलते अब तक भुगतान नहीं किया जा सका है। राशि स्वीकृत होने के बाद जल्द ही इसे किसानों के खाते में जमा कराया जाएगा।