बलवाड़ी/सेंधवा | Sep 22, 2018
वरला तहसील में वोल्टेज की कमी और बिजली कटौती के कारण किसानों को सिंचाई में परेशानी हो रही है। इससे कपास की फसल सूखने लगी है। नाराज किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है।
तहसील में सिंचाई के लिए दी जा रही बिजली 10 मिनट में गुल हो रही है। मेंटेनेंस के नाम पर दूसरे दिन 4 से 5 घंटे बिजली काटी जा रही है। किसानों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। वरला, बलवाड़ी, हिंगवा, खारिया, दुगानी, देवली घेगांव, गेरुघाटी, धवली सहित दर्जनों आदिवासी अंचलों के किसान परेशान हैं। किसानों ने कहा कपास की फसल को सिचाई की सख्त जरूरत है। बेतहाशा गर्मी के कारण जमीनों में दरारें पड़ रही है। गर्मी से कपास को नुकसान होने की आशंका है। कम बारिश के चलते सोयाबीन, मक्का, ज्वार एवं अन्य दलहनी की फसल का उत्पादन भी घटने की आशंका है। देवली के किसान मुकेश डूडवे ने कहा किसानों को बिजली की सख्त जरूरत है लेकिन वोल्टेज इतना कम है कि मोटर नहीं चल पा रही है। समस्या से राज्य शासन और कैबिनेट मंत्री अंतरसिंह आर्य को अवगत कराएंगे। बिजली वितरण कंपनी से चर्चा कर किसानों के लिए पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराने की मांग करेंगे।
कम बारिश और बिजली की समस्या के कारण सिंचाई नहीं होने से सूख रही सोयाबीन की फसल।
पूरी रात कर रहे बिजली आने का इंतजार
धवली क्षेत्र में भी बिजली की समस्या से सैकड़ों किसान परेशान हैं। इस साल सितंबर माह में ही इस तरह की समस्या है तो आगे क्या होगा। किसानों को इन फसलों के माध्यम से कर्ज चुकाना पड़ता है लेकिन फसलों की स्थिति काफी कमजोर है। मुख्य रूप से कपास की फसल को सिंचाई के सख्त जरूरत है। पूरी रात बिजली का इंतजार करने में किसान निकाल जाग रहे हैं। मगर बिजली लगातार गुल हो रही है। 33 केवी लाइन बार-बार फाल्ट हो रही है। इस समस्या की ओर विद्युत वितरण कंपनी और जिम्मेदार अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आगामी दिनों में बिजली की समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो किसान बिजली कंपनी के खिलाफ आंदोलन करेंगे।
रोज 2 से 4 घंटे अघोषित कटौती
बलवाड़ी के किसान पिरन पाटील ने बताया कि प्रतिदिन 2 से 4 घंटे तक अघोषित बिजली कटौती की जा रही है। जितनी देर बिजली मिल रही है उसमें किसानों के सिंचाई पंप भी नहीं चल पा रहे हैं। हर 10 मिनट के अंदर बिजली लगातार गुल हो रही है। इसके चलते किसानों के मोटर पंप भी खराब हो रहे हैं। फसलों की सिंचाई नहीं होने से कपास की फसल के उत्पादन पर काफी असर पड़ेगा। इसके चलते उत्पादन 50 प्रतिशत तक गिर सकता है। कम बारिश के चलते क्षेत्र की मुख्य फसल कपास, सोयाबीन और मक्का की स्थिति काफी खराब नजर आ रही है।