महासमुंद | Sep 25, 2018
एक नवंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू होनी है, लेकिन अभी तक जिले के 50 हजार किसानों के खेतों का सत्यापन नहीं हो पाया है। क्योंकि जिलेभर के 253 हल्कों के पटवारी इन दिनों निर्वाचन, लघु सिंचाई संगणना और आधार सीडिंग-डिजिटल सिग्नेचर जैसे कामों में व्यस्त हैं और पंजीकृत किसान ने खेत में धान बोया है या नहीं इसका सत्यापन पटवारियों को करना है।
ज्ञात हो कि जिले में करीब 1 लाख 10 हजार 225 किसान पंजीकृत हैं। पटवारियों को इन किसानों के साथ ही नए पंजीकृत किसानों का सत्यापन करना है। 16 अगस्त से पंजीयन काम शुरू हुआ और इसी के साथ ही पटवारियों ने सत्यापन का काम भी शुरू किया। अब तक लगभग 50 हजार किसानों का सत्यापन हुआ है। पिछले साल पंजीयन कराने वाले किसानों को इस साल दोबारा पंजीयन नहीं कराना है, लेकिन इन किसानों ने धान बोया है या नहीं, इसका सत्यापन पटवारियों को करना है। पंजीयन की आखिरी तिथि 31 अक्टूबर निर्धारित है, जबकि सत्यापन का काम 20 अक्टूबर तक पूरा किया जाना है।
ताकि अवैध धान की न हो सके समर्थन मूल्य पर खरीदी : पिछले तीन सालों से क्षेत्र में सूखा पड़ा है। इसके बावजूद जिले में धान की बंपर खरीदी हुई थी। यही स्थिति लगभग पूरे प्रदेश की रही है। अवैध धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर न हो इसीलिए प्रशासन ने पंजीयन और सत्यापन का पैंतरा अपनाया है। अधिकारियों की मानें तो धान को छोड़कर दूसरी फसलों के रकबे का धान के रकबे के रूप में पंजीयन न हो, इसलिए सत्यापन कराया जा रहा है। विभाग ने साफ कहा कि गन्ना, सोयाबीन, मक्का, सब्जियों सहित खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली अन्य फसलों के रकबे को धान के रकबे में न जोड़ा जाए। इसी तरह ट्रस्ट, मंडल, कंपनी, शाला विकास समिति, केंद्र और राज्य शासन के संस्थान, कॉलेज जैसे संस्थाओं की भूमि को धान बोने के लिए किसानों को लीज पर देने पर वास्तविक खेती करने वाले किसानों का पंजीयन किया जाएगा।
1548 किसानों ने संशोधन कराया, 200 नए पंजीयन : प्राप्त जानकारी के अनुसार 16 अगस्त से पंजीयन का काम शुरू हो चुका है। अब किसानों जिले के 1548 किसानों ने पंजीयन में संशोधन कराया है। किसान की मृत्यु, बंटवारा होने पर किसान परिवार के सदस्यों के नाम कृषि भूमि का नामांतरण होने जैसी स्थितियों के कारण नाम में संशोधन होता है। खेत बिकने के कारण 200 किसानों ने नया पंजीयन कराया है।
मचेवा रोड स्थित अरवी वैरायटी के धान की फसल में बाली आना शुरू।
पटवारी इन कामों में व्यस्त, इसलिए हो रही समस्या…
दावा : अक्टूबर के पहले सप्ताह तक हो जाएगा काम
पंजीयक सह संस्थाएं के सहायक पंजीयक राजेंद्र राठिया का कहना है कि सत्यापन का कार्य जारी है। अक्टूबर के पहले सप्ताह तक सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया जाएगा। पुराने बारदाने पर्याप्त संख्या में उपलब्ध है। नए बरादाने की मांग की गई है। एक नवंबर से पहले धान खरीदी की सभी तैयारियां पूरी हो जाएगी। नए किसान भी जल्द से जल्द अपना पंजीयन कराएं।
हकीकत : पटवारी व्यस्त, लटक सकता है काम
पटवारी संघ के जिलाध्यक्ष श्रीराम दीवान का कहना है कि चुनाव आचार संहिता लागू होते ही सत्यापन कार्य में और दिक्कत बढ़ेंगी। अभी चुनावी कार्यों के अतिरिक्त पट्टा बांटने का काम चल रहा है। ऐसे हालत में किसानों की सूची के सत्यापन का काम लटक सकता है।