22 Oct 2018
सरकारी धान बीज से कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई। सहकारी समितियों व कृषि विभाग ने इस बार किसानों को मिक्स बीज बांटा था और उसकी क्वालिटी भी सही नहीं थी। कृषि वैज्ञानिकों की पांच सदस्यीय टीम की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
जांच टीम के रिपोर्ट सौंपने के बाद जहां दोषी अफसरों पर कार्रवाई होगी, वहीं प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। बरमकेला बीज निगम केंद्र से समितियों में धान बीज की सप्लाई हुई थीं। किसानों ने पिछले साल की तुलना में इस वर्ष दो से तीन सौ रुपए अधिक कीमत देकर बीज लेकर खेती की। जब धान में बालियां आई तो एक ही खेत में दो से तीन किस्म के धान नजर आया। भास्कर ने इसका खुलासा किया तो कृषि विभाग ने वैज्ञानिकों व अफसरों की 5 सदस्यीय जांच टीम बनाई। बुधवार को कृषि विभाग रायगढ़ के एसएडीओ डीएस तोमर, एसडीओ टीआर भगत, इंस्पेक्टर जैम्स मिंज, आर ईओ नीलेश राव एवं संजय भगत जांच के लिए गोबरसिंघा व पुरैना के किसानों के खेतों में पहुंची। टीम ने जहां-जहां जांच की वहां फसल ठीक नहीं हैं। धान की आधे से अधिक इलाके में बालियां ही नहीं आई।
जशपुर से आए लॉट में शिकायत
बरमकेला बीज निगम केंद्र के अफसरों की माने तो धान बीज का एक लॉट जशपुर जिले से आया था। करीब 100 क्विंटल बीज को जिन जिन किसानों ने लिया, उन्हीं के खेतों में रजगा की शिकायत अधिक है। ऐसे गांवों की संख्या करीब डेढ़ दर्जन हैं। सभी गांवों में पहुंच कर हर खेत की रेडमंली जांच कर पाना संभव नहीं है। इसलिए जिन दो गांवों की जांच हुई है। यहां किसानों को होने वाले नुकसान का आंकलन कर औसत निकाला जाएगा।
दोहरे परेशानी से गुजरेंगे किसान
घटिया क्वालिटी व मिलावटी धान बीज वितरण से अब किसानों को दोहरे परेशानी से गुजरना पड़ेगा। पहली परेशानी यह है कि बारिश अच्छी नहीं होने की वजह से पहले ही उत्पादन कम होने के आसार है। वहीं एक ही खेत में मोटा व पतला किस्म की धान होने की वजह से समिति में इसे बेचने में परेशानी आएगी। किसानों की माने तो अब खेती की लागत निकलना भी मुश्किल है।
रिपोर्ट बना रहे हैं, इसके आधार दोषियों पर होगी कार्रवाई