विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही किसानों ने अफसर और जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। धान की फसल सिंचाई को लेकर किसानों में लगातार बिजली कंपनी के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है। बगडुआ क्षेत्र के किसानों ने शनिवार को बिजली को लेकर चक्काजाम किया तो अब अडवाड़ व प्रेमसर सहित 12 गांवों के लोग भी बिजली सप्लाई न होने के चलते जाम की चेतावनी दे रहे हैं। किसानों ने कहा कि अगर बिजली सप्लाई नहीं की गई तो वह भी चक्काजाम करेंगे। क्योंकि बिजली न मिलने के कारण उनकी धान की फसल खराब हो रही है।
बिजली समस्या से किसान परेशान हैं। फुंके ट्रांसफार्मरों को नहीं बदला जा रहा है, जबकि वोल्टेज समस्या से भी किसान परेशान बने हुए हैं। 10 घंटे मिलने वाली बिजली सप्लाई 2 घंटे भी नहीं मिल पा रही है। 18 माह से खराब बगडुआ सब-स्टेशन को लेकर किसानों ने शनिवार को चक्काजाम किया तो बिजली कंपनी ने तत्काल ट्रांसफर रखवा दिया। इससे 12 गांवों के लोगाें की समस्या हल हो सकी। यह आंदोलन खत्म ही हुआ है कि, अब अडवाड़, प्रेमसर, ननावद, गांधीनगर, कालापट्टा, पचीपुरा, ढोटी, बगवाड़ा, जलालपुरा, झोपड़ी सहित 12 गांवों के लोगों ने चेतावनी दी है कि, अगर उनकी बिजली समस्या का समाधान नहीं किया गया तो वह भी कोटा-श्योपुर हाईवे को जमा कर देंगे। किसानों ने बताया कि बीते 15 दिनों से उनके खेतों में बिजली के अभाव में पानी नहीं लग सका है।
पानी के अभाव में सूखा पड़ा धान का खेत।
14 दिन से नहीं हो रही बारिश, किसान परेशान
जिले में 21 जुलाई यानी 14 दिन से बारिश नहीं हुई है। अभी भी मौसम विभाग कुछ दिन बारिश न होने के संकेत दे रहा है। ऐसे में किसान बारिश के लिए मंदिरों में भजन-कीर्तन कर रहे हैं। जिले में अब तक 497 मिमी बारिश हुई है। इसके अलावा आवदा क्षेत्र के किसान बांध से पानी छोड़ने की मांग करने लगे हैं। ताकि वह अपनी फसलों की सिंचाई डैम के पानी से कर सके, हालांकि इसे लेकर जल संसाधन विभाग वर्तमान में तैयार नहीं है। किसानों का कहना है कि आवदा बांध से जो पानी ओवरफ्लो होकर बह रहा है, उसे नहर में छोड़ दिया जाए। जिससे वह फसलों की सिंचाई कर सके।
5 दिन में पानी नहीं मिला तो सूख जाएगी फसल
धान की फसल की स्थिति वर्तमान में खराब चल रही है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में बिजली न मिलने के चलते फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही है। बड़ौदा फीडर से लेकर प्रेमसर सहित जनपद श्योपुर क्षेत्र की आधी यानी 40 पंचायतों के 18 हजार किसान परेशान हैं। 15 दिनों से बिजली न मिलने से सिंचाई नहीं कर सके। अगर पांच दिनों में उन्हें बिजली नहीं मिली तो सिंचाई नहीं हो पाएगी। कृषि विशेषज्ञ एसके शर्मा ने बताया कि वर्तमान में समय में अगर धान की फसल की सिंचाई नहीं की गई तो 5 दिनों में फसलें पूरी तरह से सूखने लगेगी।
अडवाड़, प्रेमसर, ननावद, गांधीनगर, कालापट्टा, पचीपुरा, ढोटी, बगवाड़ा, जलालपुरा, झोपड़ी सहित 12 गांवों में संकट।
गिरते जलस्तर के चलते पाइप बढ़ा रहे किसान
बारिश रूकने के साथ ही फसल सिंचाई पर तो संकट खड़ा हुआ ही है, साथ ही जलस्तर पर भी इसका असर पड़ रहा है। नतीजा ट्यूबवेलों का पानी लगातार नीचे बैठ रहे है। गिरते जलस्तर के चलते किसानों को ट्यूबवेल में पाइप बढ़ाने पड़ रहे, ताकि वह किसी तरह से सिंचाई कर सके। वर्तमान में जलस्तर 400 फीट तक चल रहा है, जो कि अब तेजी के साथ कम होने लगा है।
एक महीने तक लगातार पानी चाहिए
धान की फसल को पौध रोपने के बाद एक महीने तक लगातार पानी चाहिए, जिससे की पौधा जड़ पकड़ सके। पानी की कमी के चलते यह फसल जल्द सूखने लगती है। कई इलाकों में यह स्थिति मैंने भी देखी है। जिसमें पानी न लगने से पौध मुरझा गई है। एसके शर्मा, एसडीओ, कृषि विभाग श्योपुर
किसान फसल की सिंचाई को लेकर परेशान
किसान वर्तमान में फसल सिंचाई को लेकर परेशान है, बिजली कंपनी को इस संबंध में कई बार आवेदन दे चुके है कि पर्याप्त मात्रा में बिजली दी जाएगी, जबकि वोल्टेज समस्या का हल किया जाए। लेकिन अफसरों द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई। अगर दो दिनों में समाधान नहीं हुआ तो किसान चक्काजाम करेंगे। हरीसिंह मीणा, किसान नेता, श्योपुर