उज्जैन | Oct 10, 2018
इस साल औसत से कम बारिश हुई लेकिन जब जरूरत थी तब खूब पानी बरसा। इसीलिए इस साल भी सोयाबीन की बंपर पैदावार हुई है। पिछले साल की तुलना में इस बार 18 फीसदी ज्यादा सोयाबीन हुआ। इसीलिए शहर से 9 किलोमीटर दूर जवासिया गांव के किसान निहालसिंह आंजना अब नया ट्रैक्टर खरीद सकेंगे। क्योंकि इस बार मानसून ने उनका खूब साथ दिया। जब-जब सोयाबीन को सिंचाई की जरूरत पड़ी, तब-तब बारिश हुई। इल्लियां भी कम लगी। अन्य बीमारियों का प्रकोप भी ज्यादा नहीं हुआ। उन्होंने 55 बीघा में सोयाबीन लगाई थी। 50 बीघा की फसल पक गई है उसेे खेत सेे निकालकर खलिहान में ले आए हैं। उनका कहना है कि 4 क्विंटल बीघा पैदावार आ रही है। यह उम्मीद से डेढ़ गुना है। पिछले साल 3 क्विंटल का औसत बैठ रहा था। इस बार बेहतर मानसून ने क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को ताकत दी है। सोयाबीन का रकबा पिछले साल की तुलना में 9 फीसदी कम है फिर भी उत्पादकता ज्यादा होने से 11 फीसदी उत्पादन ज्यादा है। इससे प्रति व्यक्ति औसत आय में इजाफे के साथ सालभर कारोबार की उम्मीदें भी बढ़ गई हैं।
इस साल इल्लियों का प्रकोप भी कम रहा। इससेे खरीफ फसल खासकर सोयाबीन कोे तेजी से बढ़ने का मौका मिल गया। कृषि विभाग के डीडए सीएल केवड़ा के अनुसार उत्पादकता 12 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही। पिछले पांच सालों में दो सालों को छोड़कर यह 10 क्विंटल से ज्यादा नहीं रही। उनका कहना है बेहतर मानसून के कारण सोयाबीन के साथ दूसरी फसलों मक्का, मूंग की स्थिति भी अच्छी है। हालांकि रबी को लेकर किसानों की चिंता बरकरार है।
ऐसे समझिए बेहतर बारिश से अर्थव्यवस्था पर असर
कुओं में इतना पानी कि बिना रस्सी निकाल लो
उंडासा के मुख्य मार्ग से सटे कुएं में इतना पानी आ गया है कि बगैर रस्सी से भी उसे बाहर निकाला जा सकता है।
खरीफ : पिछले साल से ज्यादा उत्पादन
पिछले साल सोयाबीन इस बार
459390 हे. कुल रकबा 453490 हे.
10.00 क्विं. उत्पादकता 12.00 क्विंटल
4593900 क्विं. उत्पादन 5441880 क्विं.
3200 रु. क्विं. औसत भाव 3000 रु. क्विं.
1470 करोड़ कुल रुपए 1632 करोड़
इस बार सोयाबीन से ज्यादा रकम आएगी 162 करोड़
पांच साल में 2016 में सबसे ज्यादा हुआ सोयाबीन का उत्पादन
वर्ष रकबा उत्पादकता उत्पादन 2014 465750 1550 721912500 2015 467220 637 297619140
2016 473870 1630 772408100
2017 459390 1000 459390000
2018 453490 1200 544188000
(रकबा- हेक्टेयर में, उत्पादकता किलोग्राम/हेक्टेयर, उत्पादन टन में)
1372
1166
(+)
457
2015
जिले की औसत बारिश 914.4 मिलीमीटर है।