मुलताई। Nov 07, 2018
डैमों पर मोटर पंप लगाकर पानी ले जाने पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके बाद भी किसान फसलों की सिंचाई के लिए पानी ले जा रहे हैं। डैमों पर मोटर पंप नहीं लगाने की समझाइश का कोई असर नहीं हो रहा है।
जल संसाधन विभाग की टीम डैमों पर पहुंचकर स्टार्टर जब्त करने की कार्रवाई कर रही है। इसके बाद भी किसानों को कार्रवाई का डर नहीं है। किसानों का कहना है खेतों में लगी फसल को सूखते नहीं देख सकते। सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला तो फसल सूख जाएगी और गेहूं की पैदावार नहीं होगी। ऐसे में फसलों की सिंचाई करना जरूरी है। वहीं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों का कहना है इसी तरह डैमों पर मोटर पंप लगाकर पानी चोरी होते रहा तो कुछ ही दिनों में डैम सूख जाएंगे। गर्मी में निस्तार और पीने के लिए भी पानी नहीं बचेगा। जल संसाधन उपसंभाग के अधिकारियों ने बताया एनस, माथनी, चौथिया, साईखेड़ा, करपा सहित अन्य डैमों में नाममात्र का पानी बचा हुआ है। मोटर पंप लगाकर पानी ले जाने से जलस्तर कम हो रहा है।
किसानों को लगातार समझाइश दे रहे हैं। इसके बाद भी किसान मोटर पंप लगा लेते हैं। कार्रवाई से बचने के लिए अब किसान रात के समय मोटर पंप लगाते हैं और सुबह होने से पहले हटा लेते हैं। इसकी शिकायत लगातार मिल रही है। अब रात में भी टीम डैमों पर पहुंचकर निरीक्षण कर रही है। मोटर पंप हटाने को लेकर कई बार किसान विवाद करने पर उतारू हो जाते हैं। इस स्थिति में अब मोटर पंप लगाने वाले किसानों की थाने में शिकायत की जा रही है।
डैम के पानी से सिंचाई पर प्रतिबंध के बाद भी किसान मोटर पंप लगाकर ले जा रहे पानी।