पथरिया Nov 06, 2018
फसल आने के एक माह बाद भी किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए परेशान होना पड़ता है। दूसरी ओर किसानों काे कृषि उपज मंडियों व समितियों में अपनी उपज का उचित दाम भी नहीं मिल पा रहा है। जिसके चलते किसान व्यापारियों के यहां जाकर औने-पौने दामों में अपनी उपज बेचने के लिए मजबूर हैं। दूसरी ओर रबी फसल की बोवनी व दीपावली त्योहार के चलते किसान साहूकारों के कर्ज के बोझ से दबे जा रहे हैं। जिससे क्षेत्र के कई किसान आर्थिक व मानसिक रूप से परेशान हैं।
किसान रूपलाल पटेल, बृजेश पटेल, दिलीप सिंह, उजयार सिंह ने बताया कि हम लोग दिन रात कड़ी मेहनत कर जैसे-तैसे फसल की पैदावार करते हैं पर शासन की गलत नीतियों के चलते हम किसानों को अपनी उपज की लागत भी नहीं मिल पाती है।
हालही में रबी फसल की बोवनी के चलते किसानों को खाद, बीज के लिए पैसों की सख्त आवश्यकता है। परंतु अब तक शासन द्वारा क्षेत्र में समर्थन मूल्य की खरीदी प्रक्रिया शुरू नहीं कराई गई है। जिसके चलते किसान साहूकारों से कर्ज लेना पड़ रहा है। व्यापारियों द्वारा काफी कम कीमत में फसल ली जाती है। जिन किसानों को पैसों की अति आवश्यकता होती है वह मजबूरी में व्यापारियों को फसल बेच आते हैं।
पथरिया। कृषि उपज मंडी में मात्र सोयाबीन की खरीदी की जा रही है।
उड़द, मूंग की नहीं हो रही खरीदी:
जिले में 20 अक्टूबर से सरकारी खरीदी होना थी, सोयाबीन तो भावांतर योजना के तहत खरीदा जाने लगा है। उड़द, मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीदी अब तक शुरू नहीं हुई है। दूसरी ओर जिला प्रशासन के अधिकारी अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं और चुनाव कार्य का बहाना बनाकर किसानों की समस्याओं की ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।