शिवपुरी | Oct 10, 2018
शहर से लगे गांव पिपरसमां के पास कृषि विज्ञान केन्द्र पर समन्वित कृषि प्रणाली पर नया मॉडल बनाया गया है। खेत तीर्थ दर्शन के तहत किसानों को समन्वित खेती के तौर तरीके सिखाने के लिए यह मॉडल तैयार किया गया है। इससे सीख लेकर किसान अपनी आय कई गुना बढ़ा सकते हैं।
जानकारी के अनुसार कृषि विज्ञान केन्द्र शिवपुरी पर समन्वित खेती का मॉडल बनाया है। जिसमें फसल, फल वृक्ष, मुर्गी व मछली पालन शामिल किया गया है। इस प्रणाली में वर्षा जल संरक्षण एवं भूजल स्तर में सुधार भी होता है। कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वज्ञरा किसानों को समन्वित खेती की सलाह दी जा रही है। जिससे किसान बेहतर आय प्राप्त कर जीवन स्तर सुधार सकें।
जल संरक्षण, सिंचाई से लेकर मुर्गी व मछली पालन से फायदा
समन्वित कृषि प्रणाली में किसान अपने खेता पर छोटा सा तालाब खुदवाकर शुरुआत कर सकते हैं। बरसात का पानी संरक्षित रहेगा जिससे भू जल स्तर में सुधार होगा। तालब के ऊपर लोहे शेड बनाकर मुर्गी पालन किया जा सकता है। जालीनुमा शेड पर मुर्गे-मुर्गियों की बीट मछलियां खाकर जल्द बड़ी हो जाती हैं। किसान मछलियां बेचकर और मुर्गे बेचकर अतिरिक्त आय आसानी से ले सकते हैं। तालाब के पानी का उपयोग फसल सिंचाई में भी किया जा सकता है।
कम जमीन में भी कई गुना आय प्राप्त कर सकते हैं