गंंजबासौदा Oct 18, 2018
विकासखंड में रबी फसल की बोवनी शुरू हो गई है। बारिश और मौसम की स्थिति देखकर अधिकतर किसान चना, मसूर, तेवड़ा की बोवनी कर रहे हैं। इधर कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिकों डा. सतीश शर्मा ने भी किसानों को कम पानी वाली फसलों के बीज खेतों में डालने की सलाह दी है। अब तक जो किसान गेहूं की फसल लेते आ रहे हैं उनका झुकाव चना मसूर की ओर है। जहां ज्यादा पानी उपलब्ध है इस बार वही किसान गेहूं की फसल लेने पर विचार कर रहे हैं। जहां पानी की उपलब्धता कम है, वहां किसानों ने खेतों का पलेवा शुरू कर दिया है। वे बोवनी की तैयारी कर रहे हैं। इधर कृषि विभाग का मानना है पिछले साल की तरह इस साल भी दलहन का रकबा बढ़ेगा।
कृषि वैज्ञानिकों ने भी कम बारिश वाली फसलों को ही बोने की सलाह दी है
पिछले साल की तरह इस साल भी बढ़ेगा दलहन का रकबा, जमीन की नमी हो रही तेजी से कम
चला रहे हैं ग्रेडिंग माल से काम
गांव छुल्हेटा के प्रगतिशील किसान राजेश यादव ने बताया कि बोवनी शुरू हो रही है। अक्टूबर के अंत व नवंबर के पहले सप्ताह तक 80 फीसदी बोवनी हो जाएगी। सिर्फ वहीं किसान बोवनी करने से रह जाएंगे, जहां सिचाई का अच्छा प्रबंध है। जहां पानी का प्रबंध नहीं है, वहां के किसान बोवनी कर चुके हैं या कर रहे हैं। प्रमाणित बीज बाजार में नहीं है। शार्ट टैक्स प्लांट से तैयार चना मसूर का फाउंडेशन बीज आता ही नहीं, जाे आता है वह प्रमाणित नहीं है। विकासखंड की सहकारी समितियों में चने मसूर का फाउंडेशन बीज नहीं है।
देर हुई तो समस्या आएगी
जमीन की नमी तेजी से कम हो रही है। इससे बीज अंकुरण में समस्या रहेगी। यदि थोड़ा भी समय निकला, जमीन की नमी कम हुई तो किसान को खेतों की सिंचाई कर बोवनी करना पड़ेगी। इससे किसान दिन रात खेतों की हकाई, जुताई व सिंचाई में जुट गए हैं, ताकि बोवनी शुरू की जा सके। इन दिनों किसान खेतों पर ही अपना पूरा ध्यान केंद्रित किए हुए हैं।
नहीं कर पाई लक्ष्य तय
रबी की बोवनी दशहरे से बड़े पैमाने पर शुरू हो रही है। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक 80 फीसदी बोवनी हो जाएगी। कृषि विभाग अभी तक रबी फसल का लक्ष्य तय नहीं कर पाया है। वह भी मान रहा है कि विकासखंड में 160 सेमी बारिश होनी चाहिए, लेकिन इतनी नहीं हुई। इससे गेहूं का रकबा घटेगा। पिछले साल वर्ष 2017-18 में विकासखंड में गेहूं का रकबा घट गया था। दलहन का बढ़ गया था। यही स्थिति इस साल भी बन रही है। किसान किस्मत के भरोसे हैं।
सामान्य से कम बारिश, घट सकता है गेहूं का रकबा
इस साल गंजबासौदा क्षेत्र में बारिश सामान्य से कम हुई है, इसलिए किसानों का रुझान कम पानी की फसलों की ओर है। इससे गेहूं का रकबा घट सकता है। दलहन का बढ़ सकता है। इसके लिए किसानों को जागरूक भी करेंगे। एके कौरव, एसएडीओ गंजबासौदा
समय पर नहीं आता गेहूं का बीज
गांव हरदूखेड़ी के कृषक दीपक जालौरी ने बताया कि गेहूं का प्रमाणित बीज नहीं मिलता है। किसान को जब जरूरत रहती है उस समय रहता नहीं। इस साल वह भी अभी तक नहीं आया। विकासखंड में कुल 33 सहकारी समितियां हैं। हतौड़ा सोसायटियों ने ही गेहूं की 322 किस्म की 50 क्विंटल प्रमाणित बीज की डिमांड भेजी है। शेष किसी भी सोसायटी ने बीज नहीं मांगा है। गरीब और सीमांत किसान गांव या बाजार से ही बीज ले रहे हैं ।