व्यापारियाें ने नहीं दिए नकद रुपए, मक्का के दाम कम लगाने पर किसानों ने किया हंगामा

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हरदा Oct 23, 2019

कृषि उपज मंडी में मंगलवार को व्यापारियों द्वारा उपज का नकद भुगतान नहीं करने अाैर मक्का फसल के दाम कम मिलने से किसानों ने हंगामा कर दिया। नीलामी के दौरान इन मंडी प्रबंधन, व्यापारी और किसानों में बहस हाे गई।

सुबह 11 बजे से मंडी में व्यापारियों ने सबसे पहले मंडी सचिव नरेंद्र मेश्राम को नकद भुगतान में आ रही समस्या बताई। कहा कि बैंकों में आज हड़ताल है। हम खरीदी करने के बाद नकद भुगतान नहीं कर सकते। सिर्फ आरटीजीएस कर सकते हैं। यह चर्चा चल ही रही थी कि नीलामी देरी से शुरू होने के कारण किसानों ने हंगामा कर दिया। तभी मंडी प्रबंधन ने व्यापारियों व किसानों के बीच जाकर सामंजस्य बनाकर करीब 11.30 नीलामी शुरू कराई। मंडी सचिव ने किसानों को समझाया। किसानों के मानने के बाद नीलामी प्रक्रिया शुरू की।

टिमरनी। नीलामी लेट होने के बाद मंडी कार्यालय में पहुंचकर गुस्सा जताते किसान।

हंगामे के बाद व्यापारियों ने बढ़ा दिए मक्का के भाव

मक्का बेचने आए किसानों को जब भाव कम मिले तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। जब इस बात की जानकारी मंडी सचिव मेश्राम को लगी तो वे किसानों के बीच में पहुंचे, लेकिन सहमति नहीं बनी। व्यापारियों ने भी अपनी समस्या बताते हुए मंडी सचिव को बताया की मक्का की उपज में काफी नमी है। जिससे दाम कम मिल रहे हैं। इसी दौरान किसानों ने अपनी समस्या का समाधान न होता देख मोबाइल पर एसडीएम अंकिता त्रिपाठी को सूचना दे दी। एसडीएम ने नायब तहसीलदार संदीप गौर को किसानों की समस्या सुनने मौके पर भेज दिया। किसान राकेश रघुवंशी ने बताया कि फसल का भाव नहीं मिलने से लागत भी नहीं निकल पा रही है। व्यापारी किसानों से 800 व 900 रुपए प्रति क्विंटल मक्का खरीद रहे हैं। नायब तहसीलदार गौर ने व्यापारियों व किसानों से चर्चा की। आधे घंटे बाद दोबारा नीलामी शुरू हुई। व्यापारियों ने 300 से 400 रुपए प्रति क्विंटल भाव बढ़ाकर मक्का खरीदी।

पहले 900 रुपए बाद में 1110 रुपए लगाई बोली

किसान दीपक इवने ने बताया की उसकी मक्का पहले 900 रुपए प्रति क्विंटल बिकी। दोबारा नीलामी में 1110 रु. प्रति क्विंटल का भाव मिला। रघुराज ने बताया कि उसकी मक्का पहले 800 व बाद में 1123 रु. क्विंटल बिकी। राकेश रघुवंशी की मक्का पहले 900 और बाद में 1500 रु. प्रति क्विंटल बिकी। कम दाम मिले तो उन्होंने मक्का बेचने से मना कर दिया। ऐसे करीब 50 किसान थे जिन्होंने दोबारा भाव कराया।

70 ट्रॉली मक्का का दाेबारा भाव कराया


मक्का में नमी हाेने से कम दाम मिल रहे थे

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