खंडवा Nov 09, 2018
मध्यप्रदेश समेत देशभर में कृषि विस्तार और संचार के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अपनाए जा रहे तरीकों का अनुकरण अफ्रीका के देशों तक भी हो रहा है। 2022 तक किसानों की आमदनी को दोगुना करने इन उन्नत कृषि प्रणालियों एवं उन्नत बीजों का किसानों के बीच प्रसार करें। यह बात राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय अंतर्गत कृषि महाविद्यालय में टिकाऊ खेती के लिए विस्तार एवं संचार के उपयोग प्रशिक्षण में यह बात कुलपति प्रो.एसके राव ने कही।
उन्होंने आह्वान किया कि किसानों की आमदनी को दोगुना करने के लिए कृषि तकनीकों को गांव-गांव तक विविध माध्यमों से पहुंचाना होगा। कृषि महाविद्यालय में यह 21 दिनी प्रशिक्षण कार्यक्रम विस्तार और संचार विभाग द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। कोर्स को-ऑडिनेटर विभागाध्यक्ष डॉ.एमएम पटेल ने कहा यह कोर्स 9 अक्टूबर तक आयोजित होगा। इनमें कश्मीर, उत्तर पूर्व, राजस्थान, सहित नौ राज्यों से 25 कृषि वैज्ञानिक एवं शिक्षक भाग लेे रहे हैं। प्रशिक्षण में कृषि प्रणालियों और तकनीकों के विस्तार और प्रचार-प्रसार की उपयोगिता और उसके विभिन्न माध्यमों का सरलतम उपयोग सिखाया जाएगा। आमदनी बढ़ाने के लिए कृषि क्षेत्र के अनुसंधान तकनीकों एवं नवीनतम कृषि सुधारों को किसानों तक पहुंचाना होगा। किसानों तक लैब का ज्ञान पहुंचने पर कृषि क्षेत्र का सर्वांगीण विकास होगा।
और इधर, किसानों के खाते में ट्रांसफर किए 62.51 करोड़ रुपए
कृषि उपज मंडी प्रांगण पिपरिया में पिछले दिनों आयोजित मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत प्रोत्साहन राशि वितरण कार्यक्रम किसान सम्मेलन में किसानों के खाते में ट्रांसफर किए गए। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सर्वाधिक प्रोत्साहन राशि जिले के 41354 किसानों के खाते में 62.51 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर किए हैं। इसमें मूंग के 26501 किसानों को 800 रुपए प्रति क्विंटल के मान से 57.07 करोड़, चना, मसूर और सरसों के 14853 किसानों को 100 रुपए प्रति क्विंटल के मान से 5.44 करोड़ रुपए की प्रोत्साहन राशि किसानों के खातों में अंतरित की गई है।