जावरा | Oct 18, 2018
कृषि विज्ञान केंद्र कालूखेड़ा में किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर लगाया। उन्हें रबी फसलों के बारे में जानकारी दी। मसूर की आईपीएल-316 के बीज किसानों को बांटे। वैज्ञानिक डॉ. सर्वेश त्रिपाठी ने चना व मटर की अपेक्षा मसूर कम तापक्रम, सूखा एवं नमी के प्रति अधिक सहनशील है। मसूर की खेती कम वर्षा और विपरीत पर्यावरण में भी की जा सकती है। वैज्ञानिक डॉ. रामधन घसवा ने सूचना और संचार तकनीक के बारे में बताया। डॉ. मनोजकुमार जाट, डॉ. सीआर कांटवा, डॉ. रोहताससिंह भदौरिया, डॉ. डीआर पचौरी आदि मौजूद थे।