श्योपुर Oct 10, 2018
सरकार द्वारा शुरु की गई ऋण समाधान योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो गई है। इस योजना को सरकार ने पांच बार आगे बढ़ाया, लेकिन इसका फायदा किसानों ने उठाया नहीं। योजना में आधी राशि जमा करने पर किसानों का न सिर्फ ब्याज माफ होता बल्कि, उन्हें डिफाल्टर की श्रेणी से बाहर कर दिया जाता।
ऋण समाधान योजना के तहत किसानों आधी रकम जमा करानी थी ताकि, वह डिफाल्टर की श्रेणी से बाहर आ सके, लेकिन इस योजना में किसानों ने कोई रुचि नहीं ली। नतीजा सरकार ने इस योजना को पांच बार आगे भी बढ़ाया। जिले में 36 हजार किसानों पर 169 करोड़ रुपए का बकाया था, लेकिन इनमें से योजना के तहत सिर्फ 6 हजार किसानों ने कही 69 करोड़ रुपए जमा कराया और अपना ब्याज माफ कराया। इन किसानों को भी 3 महीने के भीतर बाकी की रकम जमा करानी थी, नहीं तो इन्हें भी योजना की पात्रता से बाहर कर दिया जाएगा। जिसमें न तो ब्याज में छूट मिलेगी और नहीं डिफाल्टर की श्रेणी से बाहर आ सकेंगे। अब जबकि योजना बंद हो चुकी है, इसमें राशि जमा करने वाले बाकी के किसानों ने भी भागीदारी नहीं की गई।
6 हजार किसानों को दिए गए थे नोटिस
मार्च 2017 के बाद से वसूली के लिए सहकारी मर्यादित बैंक ने 6 हजार किसानों को नोटिस जारी किए थे, जिसने कुर्की की जानी थी, लेकिन सरकार की योजना के तहत इस पर रोक लगा दी गई। इन किसानों पर 40 करोड़ रुपए का बकाया बीते चार सालों से चला आ रहे है, जिस पर लगातार ब्याज बढ़ता जा रहा है। इनमें से सिर्फ 2250 किसानों ने ही योजना के आधी राशि जमा की।
अब 100 करोड़ रुपए बकाया
अब 30 हजार किसानों पर सरकार के 100 करोड़ रुपए के करीब की राशि बकाया है, जिसे वसूलने के लिए लगातार बैंक ने प्रयास किए। इस 100 करोड़ रुपए में से लगभग 70 करोड़ रुपए का तो ब्याज है, जो अब किसानों को देना होगा। जबकि मूल रकम 30 करोड़ रुपए है।