नीमच/जीरन Nov 27, 2018
रबी सीजन की खेती में सिंचाई का रकबा बढ़ा तो जिले में नवंबर के दूसरे पखवाड़े में ही करीब 8500 हजार टन खाद की खपत हो गई। सोसायटियों में 2 से 3 दिन का स्टॉक बचा है। दूसरा स्टॉक 15 दिन में आने के आसार बन रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार अच्छी बारिश के कारण जिले में रबी का रकबा पिछले वर्ष के मुकाबले करीब 25 हजार हेक्टेयर बढ़ा है।
प्रतिवर्ष करीब 90 हजार हेक्टेयर में रबी फसल की बोवनी होती थी। नीमच, मनासा, जावद तीनों ब्लाॅक में बेहतर बारिश से सिंचाई के साधन पर्याप्त हाेने पर रबी की खेती का रकबा इस बार 1 लाख 15 हजार हेक्टेयर हो गया। जो पिछले वर्ष से 25 हजार हेक्टेयर अधिक है।
सोसायटी में मांग बढ़ने पर खाद का स्टॉक कम हो गया।
68 सोसायटियों से 70 हजार किसानों को बांटा खाद
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से संबद्ध जिले की 68 सोसायटियों में करीब 70 हजार किसानों ने इस बार अगस्त से ही खाद का उठाव शुरू कर दिया था। यही कारण है कि नवंबर के दूसरे पखवाड़े में खाद का संकट हाेने लगा। जिले से अब तक 8500 टन का स्टॉक खत्म हो चुका। करीब 1500 हजार टन की और जरूरत है। जिला विपणन संघ ने भोपाल व उज्जैन कार्यालय तक डिमांड समय पर भेज दी ताकि समय पर स्टॉक मिल जाए।
मंदसौर-नीमच के लिए 3 हजार टन खाद की डिमांड भेजी है
विपणन संघ में मंदसौर और नीमच जिले का एक कार्यालय लगता है जिसकी शाखाएं दोनों जिलों में है। इस बार मंदसौर जिले के लिए 12500 टन खाद आया था। स्टॉक खत्म होने पर 3 हजार टन की डिमांड भेजी है। इसी तरह नीमच के लिए 1 हजार टन खाद की मांग की है।