नागदा Nov 27, 2018
सर्दी के मौसम को डेढ़ माह बीत गया है। लोगों को ठंड का असर होने लगा है। मगर रबी फसल पर कोई असर नहीं है। शाम को मौसम ठंडा रहता है। जबकि दोपहर में तापमान बढ़ जाता है। इस साल अल्पवर्षा के कारण कुओं व ट्यूबवेल का जलस्तर कम है। ऐसे में किसानों को पानी की कमी महसूस हो रही है। गेहूं व चने की फसल के लिए मौसम में ठंडक अच्छी मानी जा रही है। उन्हेल क्षेत्र में 17 हजार हेक्टेयर में बोवनी की गई है। जिसमें 7 हजार में गेहूं व 10 हजार हेक्टेयर में चना बोया गया है। इसके अलावा 80 हेक्टेयर में लहसुन, 5 हेक्टेयर में मैथी, 10 हेक्टेयर में मसूर व 20 हेक्टेयर में रायडा की फसल बोई गई। इन फसलों के लिए ठंडक होना जरूरी है। कृषि विस्तार अधिकारी संतोष चौधरी ने बताया गत वर्ष के मुकाबले ठंड कम है, ठंड अगर और बढ़ती है तो फसल को भारी फायदा होगा। पिपलिया डाबी के किसान जोरावरसिंह ने बताया वर्तमान में ठंड फसल लायक नहीं है। ज्यादातर किसानों ने गेहूं की बुवाई कर दी है। इस फसल को ठंड जरूरी है। ऐसे में समय पर ठंड नहीं गिरी तो आगे उपज की पैदावार प्रभावित होगी।