नीमच Nov 10, 2018
शासन किसानों को भावांतर योजना का लाभ दे रहा है। इसके साथ ही प्रोत्साहन राशि 19 जनवरी 2019 के बाद देने की बात कही जा रही है। इससे इस योजना के तहत अनाज बेचने वाले किसानों को लगभग 3 माह तक इंतजार करना पड़ सकता है। योजना के तहत खरीदी से कृषि उपज मंडी में खासी आवक हुई। दीपाेत्सव के अवकाश के बाद 12 नवंबर से पुन: मंंडी खुलने के साथ खरीदी जोर पकड़ेगी। मंडी में सोयाबीन और मक्का मिलाकर करीब 32 हजार क्विंटल तक खरीदी हो चुकी है। योजना के तहत अब तक 40 फीसदी किसान ही उपज बेच चुके हैं, रजिस्ट्रेशन कराने वालों की संख्या 42 हजार तक रही। कृषि उपज मंडी में योजना के तहत 20 अक्टूबर से सोयाबीन और मक्का की खरीदी की जा रही है। किसानों को नए साल 19 जनवरी 2019 के बाद खरीदी बंद होने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सोयाबीन और मक्का पर 500-500 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से राशि दी जाना है। गत वर्षों में किसानों को अनाज बेचने पर एक माह के भीतर प्रोत्साहन राशि मिल जाती थी।
मंडी खुलने पर जोर पकड़ेगा कारोबार
दीपावली के चलते मंडी में सात दिनों की छुट्टी लगातार जारी है, 12 नवंबर को मंडी खुलेगी। लंबे अंतराल के बाद मंडी में भारी मात्रा में उपज की आवक होने की उम्मीद है। अधिक आवक होने से मंडी में अव्यवस्था के हालात बन चुके हैं और कई बार जाम की स्थिति तक बनी। हालांकि मंडी प्रबंधन ने बाद में सख्ती करते हुए वाहनों के सीधे प्रवेश की व्यवस्था कर दी थी। ग्राम जीरन के हरिओम ने बताया रबी सीजन की तैयारियों मे जुटे हैं, इसके अलावा जल्द ही साेयाबीन बेचने के लिए मंडी की ओर रूख करेंगे। चीताखेड़ा के समंदरसिंह ने बताया फसलों के भाव के मद्देनजर की अगले दिनों में उपज बेचने पर निर्णय लेंगे। वैसे आधा स्टॉक बेच चुके हैं और आधा घर में रखा है।
नीमच मंडी में सोयाबीन खरीदी 12 नवंबर से पुन: शुरू हाेगी।
डूंगलावदा के पास चंगेरा में नई मंडी का निर्माण अंतिम चरण में, चुनाव बाद शिफ्टिंग के आसार
डूंगलावदा के पास चंगेरा में नई मंडी का निर्माण जारी है, जो अंतिम चरण में है। चुनाव बाद शिफ्टिंग के आसार बन रहे हैं। इससे ना केवल बड़े परिसर में वाहनों की प्रवेश व्यवस्था बेहतर हाे सकेगी बल्कि किसानों को विश्राम करने की सुविधा रहेगी। इसके अलावा गेहूं, चना, सरसों, मक्का, सोयाबीन, उड़द, मूंग, लहसुन, प्याज समेत अन्य सभी तरह की कृषि जिंसों के अलग-अलग शेड भी रहेंगे जहां नीलामी में तुलनात्मक अधिक सुविधा रहेगी।
प्रोत्साहन राशि खरीदी के बाद ही मिल सकेगी