रतलाम Oct 26, 2018
मंडी में भावांतर भुगतान योजना चल रही है। सोयाबीन की खरीदी हो रही है। योजना में किसानों को दस हजार रुपए नकद और शेष राशि आरटीजीएस या एनईएफटी से मिलना है और वो सेम डे। किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। कई किसानों के अकाउंट में राशि तीन से चार दिन में पहुंच रही है।
भावांतर भुगतान योजना शुरू होने के साथ भुगतान के नियम बदल गए हैं। पहले किसानों को उपज बेचने पर नकद राशि मिल रही थी। दस हजार रुपए तक नकद और शेष राशि आरटीजीएस और एनईएफटी से भुगतान का नियम आ गया है। किसानों को तुरंत भुगतान होना चाहिए। ऐसा नहीं हो रहा है। कई व्यापारी किसानों को दस हजार रुपए नकद दे रहे हैं। शेष राशि के लिए किसानों को इंतजार करना पड़ रहा है। बावजूद मंडी प्रशासन का ध्यान नहीं है।
बेचने वाले दिन ही मिले
भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष ललित पालीवाल ने बताया किसानों को सेम डे भुगतान का नियम है। इस नियम का मंडी प्रशासन पालन कराए और किसानों को सेम डे भुगतान करवाए। नहीं तो किसानों का आक्रोश बढ़ सकता है।
शिकायत नहीं आई
व्यापारी प्रतिनिधि मनोज जैन ने बताया किसानों की ओर से लेट की कोई शिकायत नहीं आई है।
अकाउंट से तो कट रहा है
मंडी सचिव एम. एल. बारसे ने बताया व्यापारी किसानों को भुगतान कर रहे हैं तो उनके खाते से पैसा कट रहा है। व्यापारी से जानकारी लेते हैं तो वे मोबाइल बताते हैं कि हमारे अकाउंट से पैसा कट गया। बैंक की त्रुटि के कारण देरी से भुगतान हो रहा हैं।