रतलाम Nov 11, 2018
पिछले महीने पंजाब, हरियाणा में हुई ओलावृष्टि से धान 1121 की फसल को क्षति पहुंची है। धान बारीक रह गया है। एक अनुमान के अनुसार 1121 धान का उत्पादन 25 प्रतिशत कमजोर उतर सकता है। धान के भाव बढ़ गए हैं। अगले सप्ताह से भारतीय बाजारों में नए चावल के कामकाज शुरू हो जाएंगे। बासमती चावल में निर्यात मांग जोरदार बनी हुई है। मिलों को फिलहाल निर्यात में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आ रही है। इस वर्ष धान 1509 का उत्पादन अधिक हुआ है। इससे बने चावल की पकाव भी अच्छा बैठ रहा है। अत: मांग अच्छी मात्रा में बनी रहेगी। पंजाब में धान की पूरजोश आवक करीब सवा माह होती है। 8-10 दिन से आवक भरपूर मात्रा में हो रही है। शुरुआती दौर में आवक गत वर्ष से कम रही थी। बैंकों द्वारा चावल मिलों को इफरादी से ऋण नहीं देने से धन की तंगी महसूस की जा रही है।
मंदी के संयोग कम
पिछले महीने में पंजाब, हरियाणा में ओलावृष्टि से धान 1121 की फसल को नुकसान हुआ है। उत्पादकता करीब 25 प्रतिशत कम बैठ रही है। पंजाब में 1121 धान की आवक करीब सवा माह तक पूरजोश पर रहती है। करीब 8-10 दिन से धान की आवक अच्छी मात्रा में शुरू हो गई है। 20-25 दिन तक आवक का दबाव इसी तरह से बने रहने की आशा है। उसके बाद आवक कम पड़ जाएगी। धान हो अथवा चावल 1121 में मंदी के संयोग कम है, क्योंकि धान की फसल गत वर्ष से कम उतर रही है। अगले कुछ दिनों में यदि हलकी सी मंदी आई तो उसकी वजह धन की तंगी हो सकती है। बैंकों ने रुपया देने से हाथ खींच रखा है। संभव है धान में चावल मिलों की कुछ मात्रा में खरीदी कमजोर पड़ी तो अल्प समय के लिए भावों में आंशिक गिरावट आ सकती है।
1121 धान 3700 रुपए
ओलावृष्टि से धान 1121 का दाना बारीक हो गया है। क्वालिटी काफी हलकी हो गई है। वर्तमान में मौसम साफ है। मंडियों में आवक बनी हुई है। धान के भाव ऊंचे हैं, जबकि चावल नीचे भावों पर मांगा जा रहा है। पिछले दिनों धान 1121 के भाव 3300 से 3600 रुपए खुले थे, वर्तमान में 3400 से 3700 रुपए धान 1509 के भाव 2500 से 3200 रुपए बताए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार धान 1509 की क्वालिटी अच्छी बैठ रही है, और पकाव भी अच्छा बैठ रहा है। आने वाले महीनों में बाजारों में चावल 1121 की बजाय 1509 अधिक मात्रा में बिकता नजर आ सकता है। धान 1509 काफी लंबे समय से आ रहा है। इस वर्ष इसका उत्पादन भी अधिक हुआ है। पिछले दिनों अमृतसर में चावल 1121 के भाव 7200 रुपए निकले थे, बढ़कर लूज में 7500 रुपए बोले जाने लगे हैं।
खाड़ी देशों की मांग
धान हलका उतरने से धीरे-धीरे 1121 चावल का स्थान 1509 ले सकता है। निर्यात में खाड़ी, यूरोपीय देशों के साथ ऑस्ट्रेलिया की भरपूर मात्रा में मांग बनी हुई है। चावल 1509 एवं 1121 बासमती का निर्यात भी हो रहा है। निर्यातकों को अभी किसी तरह की चिंता नहीं है। भारतीय बाजारों के लिए भाव अभी नहीं खुले हैं। अनेक बाजार अभी बंद हैं। सोमवार से खुलने वाले हैं, उसी के बाद चावल में मांग बढ़ना संभव है। मप्र के बाजार भी सोमवार से खुलने जा रहे हैं। उसी के बाद चावल के सौदे शुरू होंगे। सामान्यत: मप्र में दाल- चावल का व्यापार एक साथ होता है। पिछले दिनों दालों में तेजी आने से अधिकांश व्यापारियों को रूझान दालों की ओर चला गया था। इस वजह से भी चावल का कारोबार कमजोर पड़ गया। पंजाब, दिल्ली से नए चावल के भाव निकलने के साथ कामकाज शुरू हो जाएंगे।