शुजालपुर | Oct 30, 2018
फ्लैट रेट भावांतर भुगतान योजना के तहत सोयाबीन की खरीदी शुरू होते ही कृषि मंडी का बड़ा परिसर अब छोटा पड़ने लगा है। बड़ी संख्या में मंडी पहुंच रहे किसानों को मंडी परिसर में जगह नहीं मिल पा रही है।
ऐसे में किसानों को अब एक दिन पहले ही अपनी उपज लेकर मंडी आना पड़ता है। तब कहीं जाकर अगले दिन उनकी सोयाबीन फसल की बोली लग पाती है। 500 रुपए प्रति क्विंटल के फ्लैट रेट भुगतान योजना शुरू होते ही 20 अक्टूबर से मंडी में सोयाबीन की आवक शुरू हुई। शनिवार और रविवार को मंडी बंद रही। ऐसे में सोमवार को उपज बेचने के लिए बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। इसके लिए एक दिन पहले रविवार रात से ही किसानों ने मंडी परिसर के समीप ट्रैक्टर खड़े कर दिए थे। करीब 800 से ज्यादा ट्रैक्टर सोयाबीन उपज लेकर पहुंचे। करीब 20 हजार बोरे आवक हुई। बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्राली आने के कारण प्रमुख प्रांगण-3 भरा गया। दूसरी तरफ मंडी में अधिक ट्रैक्टर आने के कारण मंडी प्रशासन को भी काफी मशक्कत करना पड़ी। उनको अपनी व्यवस्था बनाने के लिए कई किसानों के ट्रैक्टर मंडी के 2 नंबर प्रांगण में लाकर खड़ा करना पड़े।मंडी कर्मचारी कैलाश जामुनिया का कहना है कि दो दिन से मंडी बंद होने के बाद सोमवार को घोष विक्रय हुआ, इस कारण ज्यादा भीड़ थी। जल्दी के चक्कर में कई किसान एक दिन पहले आ गए थे। उनके द्वारा अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली अव्यवस्थित लगा दिए गए थे। इस कारण बाद में आने वाले किसानों को अपने वाहन खड़े करने में परेशानी हुई। अधिक मात्रा में किसान आने के कारण उनके वाहन प्रांगण नंबर 2 लगवाने पड़े। मंडी में आवक बढ़ते ही शहर की यातायात व्यवस्था भी बिगड़ती हुई नजर आई। प्रमुख मार्ग पर दिनभर जाम की स्थिति बनी। सबसे ज्यादा परेशानी भीलखेड़ी मार्ग, टेम्पो चौराहे व पुलिस चौकी के सामने बनी। इस बारे में मंडी चौकी प्रभारी दीपक धुर्वे का कहना है कि हमारे द्वारा व्यवस्था सुधारने का प्रयास किया गया। ताकि लोगों को परेशान नहीं होना पड़े।